Category Archives: आपकी आवाज, हमारी कलम

चीते पर संकटः कूनो में एक और चीते की मौत, चार महीने में आठवां चीता मृत, केवल 16 चीते ही बचे

1952 के बाद देश में नामीबिया-दक्षिण अफ्रीका से चीता लाकर उनकी पुनर्वासहट के चीता प्रोजेक्ट पर नजर सी लग गई है। आज एक और चीते की मौत हो गई है। अब तक चार महीने में एक के बाद एक आठ चीतों की मौत हो गई। पढ़िये रिपोर्ट।

परिवार संग राजनीतिः खुद या नहीं तो पति-पत्नी-बच्चों के लिए टिकट की दावेदारी

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का मौसम है तो टिकटर्थी भाजपा और कांग्रेस दोनों में दावेदारी करने में पीछे नहीं हैं। मगर कुछ लोग परिवार संग टिकट की चाह में जुटे हैं जो खुद नहीं अपने परिवार के किसी सदस्य के लिए टिकट की चाह लिए पार्टी दफ्तरों व नेताओं के दरवाजों पर बायोडाटा लेकर खड़े नजर आने लगे हैं। यह सब तब है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो या कांग्रेस का हाईकमान परिवार को टिकट देने की नित नई गाइड लाइन बनाते रहते हैं। पढ़िये टिकटार्थियों की भीड़ में ऐसे परिवार संग राजनीति करने और चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वालों पर वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र कैलासिया की रिपोर्ट।

विधानसभा में मुद्दों पर 30 साल पहले 534 घंटे चर्चा होती थी, अब 128 घंटे में निपटती है कार्रवाई

राज्यों में सरकारें पांच साल के लिए बनती हैं और जनता के मुद्दों पर चर्चा के लिए सदन में सत्र बुलाए जाते हैं। अब सरकार में आने के बाद राजनीतिक दलों के नुमाइंदे जनता के मुद्दे पर चर्चा करने के बजाय सदन को अखाड़ा बना लेते हैं। 30 साल पहले मध्य प्रदेश विधानसभा में चर्चा के लिए जितना समय माननीय लेते थे आजकल वह सिमटकर एक चौथाई रह गया है। 15वीं विधानसभा का अंतिम सत्र तो मात्र 2 घंटे 34 मिनट में ही सीधी पेशाब कांड आदिवासी अत्याचार महाकाल लोक घोटाला सतपुड़ा भवन अग्निकांड के मुद्दों पर कांग्रेस के हंगामे और सत्ता पक्ष के चर्चा कराने से दूर रहने की वजह से खत्म हो गया. आपको बताते हैं छह विधानसभा में माननीयों ने कितने दिन व समय चर्चा के लिए सदन में दिया।

MP में 20 साल में आदिवासियों की 60 एकड़ जमीन गैर आदिवासियों को बेची, सही आंकड़े छिपाए, MLA’s को दी अलग-अलग जानकारी

मध्य प्रदेश में आदिवासियों की जमीन को गैर आदिवासियों को बेचने की अनुमति देने में जबलपुर में पोस्टेड रहे तीन आईएएस दीपक सिंह, ओमप्रकाश श्रीवास्तव, बसंत कुर्रे पर भले ही लोकायुक्त में केस बन गया लेकिन पिछले 20 साल में आदिवासियों की 60 एकड़ जमीन गैर आदिवासियों को बेच दी गई। इस तथ्य की हकीकत को छिपाने के लिए विधानसभा में जो आंकड़े दिए गए, वह अलग-अलग विधायकों को अलग-अलग दिए गए। इन विधायकों ने दोनों प्रश्नों में सरकार द्वारा दी गई जानकारियों को रखते हुए अब सवाल खड़े किए हैं। पेश है विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह और कांग्रेस के एक अन्य विधायक प्रताप ग्रेवाल के लिखित प्रश्नों के जवाब पर आधारित यह रिपोर्ट।

BJP के प्रदेश नेतृत्व की 2023 में अग्निपरीक्षा, आदिवासी वोट पर मेहनत बेकार जाने के आसार…

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 राज्य के पार्टी नेतृत्व के लिए अग्निपरीक्षा जैसी चुनौती बनता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी-गृह मंत्री अमित शाह के लगातार दौरों और दिल्ली में प्रदेश के नेताओं के पहुंचकर नेताओं से मिलने की वजह से अब सरकार और संगठन की पकड़ से विधानसभा चुनाव प्रबंधन छिटक गया है। संगठन नहीं होने के बाद भी जनता में कांग्रेस का संदेश पहुंचता जा रहा है और भाजपा के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अकेले मैदान में खड़े नजर आ रहे हैं। परिस्थितियां बदल रहीं क्योंकि जिन आदिवासी वोटों को साधने में भाजपा दो साल से लगी थी, कुछ दिनों के घटनाक्रम से उन्हें झटका सा लगा है। पढ़िये रिपोर्ट।

अनुदान की बंदरबाट, सीताशरण-रघुनंदन शर्मा तक को मिला तो राशि लेने मामूली नाम-पते बदले

मध्य प्रदेश में संस्कृति विभाग से अनुदान की बंदरबाट मची है। दो साल में 316 संस्थाओं ने 10 हजार से लेकर साढ़े सात लाख तक का अनुदान दिया गया। इस सूची में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बाबूलाल गौर समर्थक पूर्व पार्षद और उमा भारती के भाजपा छोड़कर अपनी पार्टी बनाने व सवर्ण समाज पार्टी से उनके साथ जाने वाले पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी व तिवारी कांग्रेस बनने पर नौकरी छोड़कर पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अर्जुन सिंह के साथ जाने और फिर भाजपा ज्वाइन करने वाले राजेश भदौरिया जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। कुछ लोगों ने अलग-अलग संस्थाओं के नाम से पतों में मामूली बदलाव दिखाकर अनुदान लेने से परहेज नहीं किया। पढ़िये अनुदान की बंदरबाट पर यह रिपोर्ट।

पेशाबकांड मोड़ पर मोड़ः पीड़ित अब बोला वीडियो में वह नहीं, पूर्व मंत्री मेहदेले पैर धोने को बता रहीं नौटंकी

सीधी का पेशाबकांड हर रोज नया मोड़ ले रहा है। पहले आरोपी भाजपा का नहीं होना बताया, फिर सीएम ने पैर धोए तो पीड़ित ने आरोपी प्रवेश शुक्ला को माफी दी और अब वही वीडियो में उसके होने से कर रहा इनकार। वहीं, भाजपा की महिला नेता और पूर्व मंत्री कुसुम मेहदेले पैर धोने को नौटंकी बताती नजरआईं लेकिन कुछ घंटे बाद ही उनका ट्विटर पर की गई पोस्ट हटा ली गई। पढ़िये इस मामले में पूरी रिपोर्ट।

BJP में भी दिल्ली ने MP में भेजे नेता, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव-अश्विनी वैष्णव करेंगे चुनाव प्रबंधन

भाजपा-कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का शंखनाद कर दिया है और भाजपा ने सरकार में बने रहने के लिए इस बार दो केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव प्रबंधन के लिए नियुक्त कर दिया है। अभी तक भाजपा संगठन की ओर से क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव प्रदेशभर में दौरे कर रहे थे। इस तरह पार्टी चुनाव में कमर कसकर उतर रही है। पढ़िये रिपोर्ट।

पेशाबाकांड के पीड़ित की CM से मुलाकात के बाद लखपति हुआ परिवार, पांच लाख नकद तो मकान बनाने डेढ़ लाख

मध्य प्रदेश के सीधी पेशाबकांड के पीड़ित का वीडियो वायरल होने के बाद उसके परिवार को सरकार ने लखपति बना दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पीड़ित की भोपाल में मुलाका के बाद चंद घंटे में उस परिवार को नकद राशि के साथ मकान बनाने के लिए आर्थिक मदद स्वीकृत हो गई। देखिये रिपोर्ट।

दिग्विजय के आगे पचौरी फेल, भोपाल-इंदौर में बना लिए अपने जिला अध्यक्ष

विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं लेकिन मध्य प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच शह और मात का खेल थम नहीं रहा है। यहां के फैसले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के हस्तक्षेप के बाद निपट पा रहे हैं। भोपाल, इंदौर और खंडवा जिलों के अध्यक्षों का फैसला आखिरकार एआईसीसी के हस्तक्षेप से आज हो गया और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के आगे पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी फेल हो गए। पढ़िये रिपोर्ट।

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