मध्य प्रदेश के वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा को राज्य शासन के खिलाफ एक और जीत मिली है। उन्हें वीआरएस देने के आवेदन को निरस्त किए जाने और पदस्थापना नहीं दिए जाने के मामले में कैट ने राज्य के मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव गृह को नोटिस जारी किया है। साथ ही शर्मा ने राज्य शासन को अर्द्धशासकीय पत्र लिखकर एकबार कैट-सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर अमल करने का आग्रह किया है। पढ़िये रिपोर्ट।
आईपीएस अधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा ने खबरसबकी डॉटकॉम को बताया है कि उन्हें कैट ने राज्य शासन द्वारा उनके वीआरएस आवेदन निरस्त करने तथा पदस्थापना नहीं करने पर राहत देते हुए राज्य के मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव गृह के नाम नोटिस जारी किया है। शर्मा ने बताया कि उनके वीआरएस आवेदन को पिछले दिनों जब निरस्त कर दिया था तो वे कैट में इसके खिलाफ तथा पदस्थापना नहीं करने को लेकर याचिका लगाई थी। इस पर आज कैट ने नोटिस जारी कर दिए हैं। कैट ने विभागीय जांच में भी अवमानना याचिका स्वीकार की पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि राज्य शासन पत्नी की पिटाई के जिस वीडियो पर विभागीय जांच कर रहा है, उसमें भी कैट ने विभागीय जांच समाप्त करने के अपने आदेश का पालन नहीं किए जाने पर उनकी अवमानना याचिका को स्वीकार कर दिया है। अब इसमें भी राज्य शासन को नोटिस जारी होंगे। शर्मा ने कहा है कि कैट से उनके पक्ष में दो सूचनाएं मिलने के बाद उन्होंने मुख्य सचिव व अपर मुख्य सचिव गृह सहित अन्य अधिकारियों को अर्द्धशासकीय पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से लेकर कैट के आदेशों का हवाला दिया है और कैट के आदेशों का पालन नहीं किए जाे की जानकारी दी है। पत्र में शर्मा ने राज्य शासन से सुप्रीम कोर्ट और कैट के आदेशों का पालन करते हुए उन्हें काम देने, पत्नी से पिटाई के वीडियो पर आधारित विभागीय जांच और उनके वीआरएस आवेदन को स्वीकार किए जाने का आग्रह किया है।
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