इंदौर के भूमाफिया रितेश उर्फ चंपू अजमेरा की पत्नी योगिता अजमेरा जो जमीन फर्जीवाड़े में जेल की सलाखों के पीछे रह आई है, वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक मंच पर पहुंच गई। मंच पर न केवल उसने एक अवार्ड ट्राफी ली बल्कि सीएम के संग सेल्फी भी उतार ली। ऐसी दागदार महिला के सीएम के मंच तक पहुंचने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। पढ़िये वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र कैलासिया की रिपोर्ट।
इंदौर के चर्चित भूमाफिया रितेश उर्फ चंपू अजमेरा की पत्नी योगिता अजमेरा हैं। चंपू केस दर्ज होने के बाद काफी समय तक फरार रहा था और इनाम घोषित होने पर वह गिरफ्तार हो सका था। उसकी पत्नी योगिता और पिता भी गिरफ्तारी के बाद जेल में रह चुके हैं। अभी भूमाफियाओं की शिकायतों की जांच के लिए हाईकोर्ट कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी जांच कर रही है जिसके पास करीब पौने तीन सौ शिकायतें हैं। मगर इस कमेटी के सामने चंपू बुलाए जाने पर भी कुछेक मर्तबा ही पेश हुआ है लेकिन योगिता तो अब तक प्रस्तुत ही नहीं हुई।
हाईकोर्ट की कमेटी के सामने नहीं सीएम के मंच पर जरूर पहुंची
भूमाफियाओं की जांच कर रही कमेटी के सामने योगिता भले ही पेश नहीं हुईं हैं लेकिन वे पिछले दिनों भोपाल में शिवराज सिंह चौहान के मंच पर जरूर पहुंच गई। यह मंच उत्कृष्ट काम करने वाली महिलाओं को अवार्ड देने के लिए बनाया गया था जिसमें स्नेहलता सोगानी को सम्मानित करते समय योगिता अजमेरा भी मंच पर पहुंच गईं। योगिता अजमेरा, स्नेहलता की पुत्री हैं और वे मां के साथ मंच पर पहुंची। उन्होंने मां की ट्रॉफी को लिया और इसके बाद वहीं सीएम के साथ सेल्फी भी ले ली।
सीएम के मंच पर पहुंचने वाले की जांच पड़ताल पर सवाल
यहां उल्लेखनीय है कि आमतौर पर पुलिस की खुफिया शाखा राज्यपाल या सीएम या पीएम या राष्ट्रपति के मंच पर पहुंचने वाले व्यक्तियों के बारे में पूरी जांच पड़ताल करती है। विशेष रूप से उनके अपराधिक रिकॉर्ड का पता लगाया जाता है। उसके बाद ही किसी व्यक्ति को वीवीआईपी के मंच पर पहुंचने को हरी झंडी दी जाती है। मगर योगिता अजमेरा के घटनाक्रम में पुलिस की यह चूक सामने आई है। यहां उल्लेखनीय है कि यह मामला सोशल मीडिया पर भी गरमाया हुआ है और इससे मुख्यमंत्री के मंच पर दागदार महिला के पहुंचने से कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं।
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