मध्य प्रदेश कांग्रेस के दबंग आदिवासी नेता उमंग सिंगार की आदिवासी मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग से एकबार फिर राजनीतिक गलियारों में आदिवासियों के प्रति तथाकथित संवेदनशीलता पर सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस हो या भाजपा, दोनों की आदिवासियों के प्रति दिखाई जा रही हमदर्दी अब आदिवासियों को दिखावे की ज्यादा लगने लगी है। 67 साल के मध्य प्रदेश में 18 नेता सीएम की कुर्सी पर बैठे लेकिन इनमें से 13 दिन के सीएम राजा नरेशचंद्र ही हैं तो आदिवासी समाज से आते थे। ऐसा नहीं कि प्रदेश में आदिवासी नेतृत्व की कोई कमी रही हो, मगर शिवभानुसिंह सोलंकी, जमुनादेवी, दिलीप सिंह भूरिया से लेकर मौजूदा आदिवासी नेताओं में फग्गन सिंह कुलस्ते, कांतिलाल भूरिया को दोनों ही दलों ने नजरअंदाज किया। पढ़िये वरिष्ठ पत्रकार गणेश पांडेय की रिपोर्ट।
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