मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में हार के बाद जिस त्वरित निर्णय के साथ जीतू पटवारी को युवा नेतृत्व के रूप में कमान सौंपी गई थी, वह दस महीने में अपनी कार्यकारिणी बना सके हैं। दस महीने बाद आई बहुप्रतीक्षित कार्यकारिणी में एकबार फिर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह वजनदार दिखाई दिए हैं क्योंकि 88 उपाध्यक्ष-महामंत्री में करीब 50 फीसदी इन नेताओं के समर्थकों को पद मिले हैं। पढ़िये रिपोर्ट।
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