राजस्व विभाग में रिश्वतखोरी के मामले कम नहीं हो रहे हैं बल्कि छोटे-बड़े हर काम के हर जगह रेट तय हैं। कुछ लोग सरकारी प्रक्रिया का हिस्सा मान बैठे हैं तो कुछ अड़ जाते हैं जिनकी वजह से रिश्वतखोरों को सलाखों के पीछे जाना पड़ता है। ग्वालियर के एक पटवारी ने भी आज एक प्लॉट नामांतरण के लिए 10000 रुपए की मांग की तो भूखंड स्वामी ने लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना को मामला बताकर पटवारी को रंगेहाथों गिरफ्तार करा दिया।
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