विधानसभा चुनाव 2023 के लिए अब उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है क्योंकि एक साल की अवधि शेष बची है। मगर विधानसभा चुनाव 2018 में सत्ता में आने के बाद उससे बाहर हो चुकी कांग्रेस में आज भी संगठन पर नेता हावी दिखाई दे रहे हैं। नेता कभी राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ भाजपा समर्थित प्रत्याशी को वोट डाल देते हैं तो कभी पार्टी के आंतरिक संगठनात्मक चुनाव को नजरअंदाज करने से भी बाज नहीं आते हैं। संगठन ऐसे लोगों के चिन्हित होने का दावा तो जरूर करता है लेकिन उन पर अनुशासन का डंडा नहीं चला पाता है। केवल उन लोगों को अनुशासनहीनता का डरा दिखाया जा रहा है जो जिले व ब्लॉक स्तर में सक्रिय हैं।
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