Minister, Political leader और अफसरों के अमर्यादित मामलों से विदा होता 2025

समाज के हर वर्ग में नैतिकता में गिरावट आई है मगर आज भी आमजन राजनेता और अफसरों से यह अपेक्षा रखता है कि वे आदर्श प्रस्तुत करें और समाज को दिशा दें। More »

दो साल में INDIA मेट्रो ट्रेन की लंबाई में USA को पीछे छोड़ेगा, BHOPAL METRO ट्रेक पर दौड़ना शुरू

मध्य प्रदेश में इंदौर के बाद भोपाल में भी मेट्रो ट्रेन की शुरुआत हो गई है। शनिवार को भोपाल मेट्रो के सात किलोमीटर के सफर की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन More »

मध्य प्रदेश में Congress MLA पर नकली और Poisonous liquor कारोबार की फैक्ट्री चलवाने का आरोप

नकली और जहरीला शराब का कारोबार को एकबार फिर मध्य प्रदेश में राजनीतिक संरक्षण मिलने के आरोप लगा है और इस बार राज्य में शासन कर रही भाजपा ने विपक्षी दल कांग्रेस More »

जनगणना 2027 के लिए MP में तैयारियां, First चरण पूर्व Ratlam, सिवनी, Gwalior में मकान सूचीकरण व गणना का हुआ परीक्षण

भारत की जनगणना 2027 को लेकर मध्य प्रदेश में जोरशोर के साथ तैयारियां शुरू हो गई हैं। जहां अप्रैल 2026 से प्रथम चरण शुरू होने जा रहा है तो इसके पहले रतलाम, More »

IPS Rajendra Chaturvedi का निधन, सेवा में फूलन-मलखान surrender से लेकर विवादों से भी रहा नाता

मध्य प्रदेश में 70 ओर 80 के दशक में डकैत समस्या चरम पर थी और उसी दौरान युवा आईपीएस राजेंद्र चतुर्वेदी ने कुख्यात डाकुओं मलखान सिंह, फूलन देवी, घंसा बाबा का आत्मसमर्पण More »

राष्ट्रपति मुर्मु के लिए सिंधिया के महल में परोसे गए 19 व्यंजन, VVIP ने चखी नेपाली साग, दालमा संतुला

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज ग्वालियर प्रवास पर पहुंची तो उनके लिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने यहां 19 व्यंजनों का भोज तैयार कराया था। वीवीआईपी में राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, शिवराज मंत्रिमंडल के मंत्रिगण, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर जैसी हस्तियां थीं जिन्होंने नेपाली साग-दालमा संतुला का स्वाद चखा। पढ़िये राष्ट्रपति के स्वागत और भोज में बने व्यंजन की रिपोर्ट।

परिवार के चार लोगों की मौतः कर्ज में डूबे दंपति ने बच्चों को जहर देकर फांसी लगाई

भोपाल के ग्रामीण क्षेत्र नीलबड़ में एक परिवार के चार लोगों की आज सुबह मौत हो गई। पहले युवा दंपत्ति ने बच्चों को जहर देकर मार डाला और फिर खुद फांसी के फंदे पर झूल गए। पढ़िये रिपोर्ट।

विधानसभा में मुद्दों पर 30 साल पहले 534 घंटे चर्चा होती थी, अब 128 घंटे में निपटती है कार्रवाई

राज्यों में सरकारें पांच साल के लिए बनती हैं और जनता के मुद्दों पर चर्चा के लिए सदन में सत्र बुलाए जाते हैं। अब सरकार में आने के बाद राजनीतिक दलों के नुमाइंदे जनता के मुद्दे पर चर्चा करने के बजाय सदन को अखाड़ा बना लेते हैं। 30 साल पहले मध्य प्रदेश विधानसभा में चर्चा के लिए जितना समय माननीय लेते थे आजकल वह सिमटकर एक चौथाई रह गया है। 15वीं विधानसभा का अंतिम सत्र तो मात्र 2 घंटे 34 मिनट में ही सीधी पेशाब कांड आदिवासी अत्याचार महाकाल लोक घोटाला सतपुड़ा भवन अग्निकांड के मुद्दों पर कांग्रेस के हंगामे और सत्ता पक्ष के चर्चा कराने से दूर रहने की वजह से खत्म हो गया. आपको बताते हैं छह विधानसभा में माननीयों ने कितने दिन व समय चर्चा के लिए सदन में दिया।

Ex CM कमलनाथ का फोन हैक, मांगे 10-10 लाख, गोविंद गोयल ने अपने बंगले बुलाकर पकड़वाया

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का आज दोपहर में हैक हो गया। उनके नंबर से कांग्रेस नेताओं को फोन कर 10-10 लाख रुपए की मांग की गई। पीसीसी के पूर्व महामंत्री व कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल ने रुपए मांगने वालों को रुपए लेने बंगले बुलवाया और भोपाल पुलिस के हवाले कर दिया। पढ़िये पूरी रिपोर्ट।

MP में 20 साल में आदिवासियों की 60 एकड़ जमीन गैर आदिवासियों को बेची, सही आंकड़े छिपाए, MLA’s को दी अलग-अलग जानकारी

मध्य प्रदेश में आदिवासियों की जमीन को गैर आदिवासियों को बेचने की अनुमति देने में जबलपुर में पोस्टेड रहे तीन आईएएस दीपक सिंह, ओमप्रकाश श्रीवास्तव, बसंत कुर्रे पर भले ही लोकायुक्त में केस बन गया लेकिन पिछले 20 साल में आदिवासियों की 60 एकड़ जमीन गैर आदिवासियों को बेच दी गई। इस तथ्य की हकीकत को छिपाने के लिए विधानसभा में जो आंकड़े दिए गए, वह अलग-अलग विधायकों को अलग-अलग दिए गए। इन विधायकों ने दोनों प्रश्नों में सरकार द्वारा दी गई जानकारियों को रखते हुए अब सवाल खड़े किए हैं। पेश है विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह और कांग्रेस के एक अन्य विधायक प्रताप ग्रेवाल के लिखित प्रश्नों के जवाब पर आधारित यह रिपोर्ट।

महिला स्व-सहायता समूह टोल टैक्स बैरियर चलाएंगी, शिवराज कैबिनेट का फैसला

मध्य प्रदेश में अब महिला स्व-सहायता समूहों को टोल टैक्स बैरियर संचालित करने की जिम्मेदारी दी जा रही है। ये स्व-सहायता समूह ऐसे टोल टैक्स बैरियर का संचालन करेंगे जिनकी आय दो करोड़ से कम होगी। आज शिवराज कैबिनेट ने इस फैसले को मंजूरी दे दी है। पढ़िये कैबिनेट में और क्या फैसले हुए।

BJP के प्रदेश नेतृत्व की 2023 में अग्निपरीक्षा, आदिवासी वोट पर मेहनत बेकार जाने के आसार…

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 राज्य के पार्टी नेतृत्व के लिए अग्निपरीक्षा जैसी चुनौती बनता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी-गृह मंत्री अमित शाह के लगातार दौरों और दिल्ली में प्रदेश के नेताओं के पहुंचकर नेताओं से मिलने की वजह से अब सरकार और संगठन की पकड़ से विधानसभा चुनाव प्रबंधन छिटक गया है। संगठन नहीं होने के बाद भी जनता में कांग्रेस का संदेश पहुंचता जा रहा है और भाजपा के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अकेले मैदान में खड़े नजर आ रहे हैं। परिस्थितियां बदल रहीं क्योंकि जिन आदिवासी वोटों को साधने में भाजपा दो साल से लगी थी, कुछ दिनों के घटनाक्रम से उन्हें झटका सा लगा है। पढ़िये रिपोर्ट।

श्रावण के महीने में महाकाल का श्रीगणेश श्रृंगार, भस्म आरती देखें

श्रावण मास में भगवान महाकाल के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में रोजाना श्रद्धालुजन उज्जैन पहुंच रहे हैं। अलग-अलग दिन भगवान महाकाल का श्रृंगार किया जा रहा है। आज महाकाल का श्रीगणेश के रूप में श्रृंगार किया गया। अलसुबह महाकाल की भस्म आरती में उनका श्रीगणेश श्रृंगार लोगों ने देखा। उनकी भस्म आरती का वीडियो और श्रृंगार की तस्वीर को घर बैठे देखिये।

अनुदान की बंदरबाट, सीताशरण-रघुनंदन शर्मा तक को मिला तो राशि लेने मामूली नाम-पते बदले

मध्य प्रदेश में संस्कृति विभाग से अनुदान की बंदरबाट मची है। दो साल में 316 संस्थाओं ने 10 हजार से लेकर साढ़े सात लाख तक का अनुदान दिया गया। इस सूची में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बाबूलाल गौर समर्थक पूर्व पार्षद और उमा भारती के भाजपा छोड़कर अपनी पार्टी बनाने व सवर्ण समाज पार्टी से उनके साथ जाने वाले पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी व तिवारी कांग्रेस बनने पर नौकरी छोड़कर पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अर्जुन सिंह के साथ जाने और फिर भाजपा ज्वाइन करने वाले राजेश भदौरिया जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। कुछ लोगों ने अलग-अलग संस्थाओं के नाम से पतों में मामूली बदलाव दिखाकर अनुदान लेने से परहेज नहीं किया। पढ़िये अनुदान की बंदरबाट पर यह रिपोर्ट।

सरकारी नौकरी सिलेक्शन में कमाल, एक परिवार के छह तो एक सेंटर के टॉप 10 में सात

मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले के बाद संस्था का नाम बदलकर मप्र कर्मचारी चयन मंडल भले ही कर दिया मगर उसकी कार्यप्रणाली आज भी पुराने ढर्रे पर ही चल रही है। सरकारी नौकरी चयन के परिणामों की घोषणा के बाद एकबार फिर मंडल सवालों के घेरे में है। सरकारी नौकरी पाने वालों में एक ही परिवार के छह सदस्यों से लेकर एक ही सेंटर के टॉप 10 में सात अभ्यर्थियों के चयन हो जाने से परीक्षा पर शंका के बादल मंडरा रहे हैं। पढ़िये रिपोर्ट।

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