मध्य प्रदेश में सहकारिता क्षेत्र कमजोर होता जा रहा है जिसका एक उदाहरण आर्थिक सर्वेक्षण में सामने आया है। राज्य में सहकारी बैंकों के एनपीए में करीब 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इन बैंकों की ऋण राशि में भी 2018-19 की तुलना में 2020-21 में करीब एक हजार करोड़ रुपए की कमी आई है।


















