मध्य प्रदेश में कांग्रेस करीब दो दशक से भी ज्यादा समय से सत्ता से बाहर भले ही हो मगर उसके भीतर संगठन में अभी भी नेता एक दूसरे के लिए चुनौतियां पेश करते रहते हैं। यह स्थिति न केवल प्रदेश के गुटीय राजनीति के बीच नेताओं-समर्थकों में है बल्कि दिल्ली से आने वाले नेताओं को भी उसमें उलझा लिया जाता है और ऐसे में पार्टी अपनी विरोधी पार्टी भाजपा से जूझने के साथ अपनों से भी जूझती नजर आने लगती है। हाल में प्रदेश के प्रभारी महासचित भंवर जितेंद्र सिंह और पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के बीच जो अंदरुनी मतभेद थे, उनके चलते पटवारी उन पर भारी पड़े और हाईकमान ने नए प्रभारी राजस्थान के हरीश चौधरी को जिम्मेदारी सौंपकर पटवारी के साथ काम करने भेजा है। अब चौधरी के साथ तालमेल बैठाने की पटवारी के सामने चुनौती है। पढ़िये हमारी विशेष रिपोर्ट।
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