मध्य प्रदेश में कांग्रेस की विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद हाईकमान ने संगठन व विधायक दल का नेतृत्व युवा हाथों में सौंपा जिसमें पार्टी के बुजुर्ग नेताओं के समर्थक तेजी से साथ छोड़ रहे हैं। कमलनाथ के विश्वस्त जबलपुर महापौर हो या दिग्विजय सिंह के करीबी लोकसभा चुनाव के पहले पार्टी को झटका दे रहे हैं। इससे युवा नेतृत्व की संगठन पर पकड़ कमजोर साबित हो रही है और कहीं न कहीं इससे उनकी संगठन चलाने की कार्य कुशलता पर सवाल खड़े कर रहे हैं। पढ़िये रिपोर्ट।
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