Digvijay Singh ने कहा SIR के माध्यम से vote छीनने के बाद नागरिकता को छीनेंगे

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि एसआईआर के माध्यम से वोट छीना जा रहा है और इनका दूसरा कदम एसआईआर से More »

बौद्ध विद्वानों का Sanchi में जमघट, वक्ताओं ने कहा internet हमसे जानकारी लेकर AI के जरिये हमें जानकारी परोस रहा

सांची के सांची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध विद्वानों ने कहा कि इंटरनेट हमसे ही जानकारी लेकर एआई के जरिये हमें ही जानकारी परोस रहा है। इसलिए एआई का More »

‘‘सांची परिवार’’ ने दुग्ध उत्पादक की बेटियों की शादी में सौंपा ‘‘मायरा’’

भोपाल सहकारी दुग्ध संघ ने राजगढ़ और सीहोर जिले के सांची दुग्ध उत्पादक किसान की दो बेटियों रूकमणि और रितु के शुभ विवाह में ‘‘सांची मायरा’’ (भात) का थाल सौंपा है। मायरे More »

BJP में प्रदेश नेतृत्व परिवर्तन के बाद Yuva-Mahila मोर्चा में बदलाव, मालवा-महाकौशल को कमान मिली

मध्य प्रदेश भाजपा में नेतृ्त्व परिवर्तन के बाद संगठन में बदलाव का सिलसिला तेज हो गया है। महिला मोर्चा और युवा मोर्चा में प्रदेश नेतृत्व ने मालवा और महाकौशल के नेताओं को More »

Uma Bharti ने बराबरी पर बड़ा बयानः reservation के अलावा government-administration में सबको बराबरी का स्थान मिले

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की फायरब्रांड महिला नेता उमा भारती ने सत्ता, शासन-प्रशासन में सभी की बराबर की भागीदारी होने की बात कही है। कहा कि यह आरक्षण के More »

मंत्रियों के आचरण पर उठते सवाल, कभी राज्यवर्धन तो कभी प्रद्युमन सिंह और कभी सिसौदिया घिरे

मध्य प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों का आचरण इन दिनों उनके पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है। इस मामले में कांग्रेस से भाजपा में पहुंचकर सरकार में मंत्री बने नेताओं का आचरण सबसे ज्यादा सवालों के घेरे में आया है। प्रद्युमन सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसौदिया, बिसाहूलाल सिंह, उषा ठाकुर जैसे मंत्रियों के नाम इसमें सबसे ज्यादा चर्चा में रहे हैं लेकिन हाल में राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव के खिलाफ जिस एक महिला का वीडियो वायरल हुआ है, वह सबसे ज्यादा खेदजनक है। अब देखना यह है कि चुनाव के पहले शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल के फेरबदल में ऐसे आचरण के नेताओं को साथ रखते हैं या छंटनी करते हैं।

कल रेपिस्ट कहा आज पलटी, अब वीडियो वायरल करने वालों को कानूनी कार्रवाई की धमकी

मालवा के एक मंत्री को कल जिस महिला ने रेपिस्ट और अभद्र भाषा से संबोधित किया था, आज वह उनकी नजर में बहुत ही सम्मानित व्यक्ति बता रही हैं। अब वे वायरल हो रहे वीडियो को फैलाने वालों को कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दे रही हैं। हालांकि खबर सबकी ने न तो कल इस वायरल वीडियो में आरोप लगाने वाली महिला और मंत्री की पहचान बताई थी और न ही आज हम यह बता रहे हैं लेकिन अब यह इस खबर के माध्यम से यह जरूर सवाल खड़ा करना चाह रहे हैं कि क्या वायरल वीडियो की सच्चाई सामने आए बिना उसे क्लीनचिट दी जा सकती है।

उमा भारती ने कहा, वन विभाग ने अमरकंटक में 50 हजार की अनुमति मांगकर दो लाख साल के पेड़ काटे

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि अफसर सच्चाई से दूर तस्वीर पेश करते हैं। वन विभाग ने अमरकंटक में बीमारी बताकर 50 हजार साल के पेड़ों को काटने की अनुमति मांगी औऱ दो लाख पेड़ काट दिए। वहीं, एक जगह कई महीनों से बिजली नहीं थी मगर मुख्यमंत्री को बताया गया कि 24 घंटे लाइट नहीं है औऱ सीएम ऑफिस से फोन पहुंचते ही तुरंत बिजली आ गई।

सीसीएफ को धमकाने वाले रेंजर सुनील जैन की जांच शुरू, मानहानि की तलवार भी लटकी

बैतूल के एक रेंजर सुनील जैन द्वारा करीब चार महीने पहले अपने वरिष्ठ अधिकारी आईएफएस सीसीएफ अनिल कुमार सिंह को धमकाते हुए वायरल ऑडियो के मामले में वन विभाग की जांच शुरू हो गई है। भोपाल से जांच के लिए टीम बैतूल पहुंच गई है। वहीं, रेंजर के खिलाफ सीसीएफ द्वारा मानहानि की कार्रवाई करने के लिए राज्य शासन से अनुमति भी मांगी गई है और इससे खुद को राजनीतिक पहुंच होने का दिखावा करने वाले रेंजर की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।

मंत्री मेरे पैर छू लेंगे….राजा साहब (अपशब्द)….महिला के वायरल वीडियो में नेताजी पर अभद्र टिप्पणी

एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसे मालवा के एक मंत्री से संबंधित बताया जा रहा है। इसमें एक महिला द्वारा दो लोगों को मंत्रीजी के लिए अपशब्द का इस्तेमाल करते हुए राजा साहब संबोधित किया जा रहा है। वीडियो में महिला रेपिस्ट जैसे शब्द का भी इस्तेमाल करती सुनाई दे रही है। हालांकि इस वायरल वीडियो की सत्यता की खबर सबकी पुष्टि नहीं करता है लेकिन इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में जमकर चर्चा है।

मध्य प्रदेश में नेताओं के बिगड़े बोलों में प्रशासन टारगेट पर, विपक्ष-सत्ता पक्ष दोनों का निशाना

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को आठ-दस महीने बचे हैं तो अब नेताओं के टारगेट पर प्रशासनिक अमला आता जा रहा है। इसमें विपक्ष दल कांग्रेस के नेता तो ठीक है, सत्ता पक्ष के नेता भी प्रशासन को टारगेट बनाकर जनता की हमदर्दी बटोरना चाह रहे हैं। प्रशासनिक अमले को काम में अड़ंगा बताकर विलेन करार दिया जाता है। हाल ही में जबलपुर, विदिशा में ऐसे दो नेताओं के वीडियो वायरल हुए हैं और कुछ समय पहले दमोह का एक वीडियो वायरल हुआ था। प्रशासनिक अमले पर नेताओं के प्रहारों के कुछ उदाहरण के साथ पेश है एक रिपोर्ट।

संकट में अपनों को कांग्रेस का नहीं मिल रहा साथ, पढ़िए अब तक हालात के मारे नेताओं पर रिपोर्ट

मध्य प्रदेश में कांग्रेस 15 साल बाद सरकार में आई और 15 महीने में चली गई। पार्टी के नेता-कार्यकर्ताओं को सत्ता से बाहर रहने के कई विपरीत परिणाम झेलने पड़े जिनके चलते कई ने हालातों से समझौता कर कांग्रेस छोड़ दी और अभी ऐसे ही कुछ लोगों को संकट में फंस जाने पर पार्टी का साथ नहीं मिला। इनमें से कुछ पार्टी छोड़कर चले गए। पेश है संकट में फंसे ऐसे कांग्रेस नेताओं पर एक रिपोर्ट।

उमा भारती ने फिर दी आर पार की लड़ाई की चेतावनी, शराब की संशोधित नीति का इंतजार

मध्यप्रदेश में शराब के खिलाफ अभियान चलाने का कई बार ऐलान कर चुकी पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने एक बार फिर आर पार की लड़ाई की चेतावनी दी है. भारती ने कहा है कि जनवरी में संशोधित शराब नीति में शराब के खिलाफ सेक्शन नहीं होने पर वेयर आर पार की लड़ाई शुरू करेंगी.

MP के 12 CM के खिलाफ आ चुके अविश्वास प्रस्ताव, जानिये अविश्वास प्रस्तावों की तथा-कथा

मध्य प्रदेश में अब तक 18 नेता मुख्यमंत्री बन चुके हैं लेकिन इनमें से 12 सीएम के खिलाफ अब 28 अविश्वास प्रस्ताव लाए जा चुके हैं। इनमें से एक सीएम को तो पांच बार इनका सामना करना पड़ चुका है और छह ऐसे मुख्यमंत्री भी रहे हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल विपक्ष के ब्रह्मास्त्र अविश्वास प्रस्ताव के बिना ही पूरा कर लिया। सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह तेरहवीं विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाए थे और अभी नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने इसकी सूचना दी है। आइये आपको रूबरू कराते हैंमुख्यमंत्रियों के खिलाफ आए अविश्वास की एक रिपोर्ट।

शिवराज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की सूचना, 28 बार आ चुके हैं अविश्वास प्रस्ताव

मध्य प्रदेश में चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। तेरहवीं विधानसभा में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह शिवराज सरकार के खिलाफ इसी तरह अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। 19 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में कांग्रेस विधायक दल द्वारा शिवराज मंत्रिमंडल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रहा है। मध्य प्रदेश में किसी भी राज्य सरकार के खिलाफ 28 बार इस तरह अविश्वास प्रस्ताव लाकर उसके कामकाज पर सवाल उठाए जा चुके हैं।

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