मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा जैसे विभाग में अनुशासनहीनता का एक बड़ा उदाहरण सामने आया है जिसमें भोपाल में कन्याओं के एमएलबी कॉलेज जैसे प्रिंसिपल के प्रभार पर एक प्राध्यापक को लेकर दो वरिष्ठ कार्यालयों के विरोधाभासी आदेश हुए हैं। एक कॉलेज के प्रभारी प्रिंसिपल ने दूसरे कॉलेज के प्रिंसिपल के रिटायरमेंट के बाद जबरिया प्रभार ले लिया और जब उनसे क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालय ने नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण पूछा तो उनका जवाब आने के पहले ही कमिश्नर उच्च शिक्षा कार्यालय से उनके प्रभार के आदेश जारी कर दिए गए। आईए आपको बताएं कौन हैं यह प्राध्यापक और किस वजह से उन्हें संबंधित कॉलेज में प्रिंसिपल बनने की चाह है।
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