प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी जन औषधि परियोजना का मध्य प्रदेश में मखौल उड़ाया गया और जब इसकी एफआईआर दर्ज हो गई तो पुलिस ने भी मामले की जांच गंभीरता से नहीं की। जब मामला रफा-दफा करने के लिए कोर्ट तक पहुंचा तो अदालत ने ऐसा आदेश दिया है कि अब पुलिस की विवेचना पर सवाल खड़े होने लगे हैं। जन औषधि संघ मप्र नाम की संस्था के पंजीयन, उसकी गतिविधियों पर इस रिपोर्ट में फोकस किया जा रहा है, पढ़िये क्या है मामला।
-
दुनिया
-
सांची विश्वविद्यालय में चित्रकला प्रतियोगिता
-
उज़्बेकिस्तान में कोकन अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प महोत्सव में बाग प्रिंट कला का लहराया
-
Bhopal की Bank अधिकारी की यूरोप में ऊंची चढ़ाई, माउंट Elbrus पर फहराया तिरंगा
-
भोपाल के दो ज्वेलर्स ने बैंकों को गोल्ड लोन में लगाया 26 करोड़ का चूना, यूको बैंक की चार शाखा को ठगा
-
UNO के आह्वान पर JAYS ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस, जल, जंगल और जमीन के प्रति जागरूक हुए आदिवासी
-
-
ज्ञान-विज्ञान
-
सिविल जज इंटरव्यू में ST छात्रों के चयन नहीं होने पर जयस ने उठाया सवाल, कहा Reservation बस दिखावा
-
CBI जांच के बाद भी नर्सिंग कॉलेजों का फर्जीवाड़ा जारी, अब होशंगाबाद के नर्सिंग कॉलेज की Cyber Police में शिकायत
-
Daughters को पढ़ाने के नारा नारे तक सिमटा, Bhopal में ही एक Faimly बेटी को पढ़ाई से दूर करने वाला निकला
-


















