मध्य प्रदेश में संस्कृति विभाग से अनुदान की बंदरबाट मची है। दो साल में 316 संस्थाओं ने 10 हजार से लेकर साढ़े सात लाख तक का अनुदान दिया गया। इस सूची में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बाबूलाल गौर समर्थक पूर्व पार्षद और उमा भारती के भाजपा छोड़कर अपनी पार्टी बनाने व सवर्ण समाज पार्टी से उनके साथ जाने वाले पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी व तिवारी कांग्रेस बनने पर नौकरी छोड़कर पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अर्जुन सिंह के साथ जाने और फिर भाजपा ज्वाइन करने वाले राजेश भदौरिया जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। कुछ लोगों ने अलग-अलग संस्थाओं के नाम से पतों में मामूली बदलाव दिखाकर अनुदान लेने से परहेज नहीं किया। पढ़िये अनुदान की बंदरबाट पर यह रिपोर्ट।
-
दुनिया
-
सांची विश्वविद्यालय में चित्रकला प्रतियोगिता
-
उज़्बेकिस्तान में कोकन अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प महोत्सव में बाग प्रिंट कला का लहराया
-
Bhopal की Bank अधिकारी की यूरोप में ऊंची चढ़ाई, माउंट Elbrus पर फहराया तिरंगा
-
भोपाल के दो ज्वेलर्स ने बैंकों को गोल्ड लोन में लगाया 26 करोड़ का चूना, यूको बैंक की चार शाखा को ठगा
-
UNO के आह्वान पर JAYS ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस, जल, जंगल और जमीन के प्रति जागरूक हुए आदिवासी
-