परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ‘1008’ ने मनुस्मृति पर व्याख्यान में कहा है कि मनु महाराज ने वर्ण व्यवस्था नहीं बनाई थी बल्कि जो चार वर्ण थे उनके कर्तव्य बताए। मगर साहब आंबेडकर ने चार वर्णों को खत्म कर एक बनाने के प्रयास में आरक्षित और अनारक्षित वर्ग में समाज को बांट दिया। पढ़िये इस रिपोर्ट में कि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस बारे में किस तरह विस्तार से बताया।
-
दुनिया
-
UNO के आह्वान पर JAYS ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस, जल, जंगल और जमीन के प्रति जागरूक हुए आदिवासी
-
बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम
-
Rahul Gandhi ने सीजफायर को BJP-RSS की सरेंडर की परंपरा बताया, कहा Modi करते हैं Trump की जी हुजूरी
-
ऑपरेशन सिंदूर ने बताया आतंकवादियों का छद्म युद्ध, प्रॉक्सी वॉर नहीं चलेगा, गोली चलाई जाएगी तो गोले चलाकर देंगे जवाब
-
मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर कामलीला, नेताजी की महिला शिक्षक मित्र संग आशिकी का वीडियो वायरल
-