193 महीने पहले यानी 16 साल से भी ज्यादा समय पहले नीमच में कुख्यात अफीम तस्कर बंशी गुर्जर का फर्जी एनकाउंटर करने वाली पुलिस टीम ने किस व्यक्ति को बंशी गुर्जर बताकर मार डाला, यह सवाल आज भी अनुत्तरित है। पुलिस की तथाकथित सांठगांठ, मोटी रकम लेकर एनकाउंटर दिखाने के अपराधिक कृत्य को अंजाम देने वाले लोगों पर आज तक हत्या का मामला दर्ज क्यों नहीं हुआ और आज भी उनके हाथों में कानून की रक्षा की बागडोर कैसे है, इस प्रश्न का जवाब देने के लिए न सरकार में बैठे नेता आगे आ रहे हैं और न ही नौकरशाही की कमान संभालने वाले आईएएस या आईपीएस अधिकारी चुप्पी तोड़ रहे हैं। यही सवाल आज हम अपनी इस रिपोर्ट में उठा रहे हैं।
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