इतिहास की तथाकथित गलतियों को सुधारने की मंशा बताकर नाम बदलने की सरकारों में गाहे-ब-गाहे होड़ करती हैं और मध्य प्रदेश में भी यह इन दिनों खूब चल रहा है। इस होड़ में कोई भी पीछे नहीं रहना चाहता है। इस होड़ में भोपाल की सांसद अपने आपको पीछे होता देखकर गुरुवार को अचानक नगर सरकार यानी नगर निगम परिषद की बैठक में पहुंच गईं। वहां उन्होंने दो ऐसे प्रस्ताव रखे जिनका सदन के भीतर उस समय तालियां बजाकर सभी ने स्वागत किया लेकिन सांसद के जानकारी नहीं जुटाने की वजह से अब नगर सरकार की बैठक का ही मजाक बनाया जा रहा है। सांसद ने जिन प्रस्तावों को रखा था, दरअसल उनके नाम पहले ही परिवर्तित किए जा चुके हैं। ऐसे में अब नगर निगम परिषद के पदाधिकारी भी जुबानी सफाई देते घूम रहे हैं।
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