मध्य प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अब महज कुछ महीने का समय बचा है तो सत्ताधारी दल भाजपा और कांग्रेस दोनों ही चुनाव मोड में आ गए हैं। भाजपा संगठन और सरकार नेता-कार्यकर्ता से लेकर मंत्री-अफसरों को टास्क दिए जा रहे हैं तो कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरने के लिए बैठकें करने की रणनीति पर चल रही है। मगर दोनों प्रमुख दलों के संगठन में कमजोरी पार्टी नेतृत्व भांप रहा है और इसमें बदलाव की हवा बीच-बीच में बहने लगती है। आईए आपको बताएं इन दलों की चुनावी रणनीति के बारे में।
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