CBI जांच के बाद भी नर्सिंग कॉलेजों का फर्जीवाड़ा जारी, अब होशंगाबाद के नर्सिंग कॉलेज की Cyber Police में शिकायत

मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े को लेकर सीबीआई द्वारा जांच की गई थी मगर इस जांच के बाद भी नर्सिंग कॉलेजों में गड़बड़ियां नहीं थम रही हैं। ऐसा एक और More »

Bhopal में नहीं रुक रहा लव जिहाद, कॉलेज Students के बाद अब Model शिकार, जान गंवाई

मध्य प्रदेश में लव जिहाद के मामले थम नहीं रहे हैं, खासकर भोपाल में एक मामला शांत नहीं होता और दूसरा सामने आ जाता है। अभी शारिक मछली और उसके साथियों के More »

Daughters को पढ़ाने के नारा नारे तक सिमटा, Bhopal में ही एक Faimly बेटी को पढ़ाई से दूर करने वाला निकला

दस साल पहले जिस बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारे के साथ भारत सरकार ने योजना को लांच किया था, उसकी जमीनी हकीकत को भोपाल में एक परिवार ने आईना दिखाया है। यहां More »

MP PCC में Rahul से दूर रखे जा रहे संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी, जिलाध्यक्षों की ट्रेनिंग कार्यक्रम से किया दूर

मध्य प्रदेश कांग्रेस में युवा नेतृत्व को मजबूत करने के नाम पर वरिष्ठ नेताओं को दूध में मक्खी की तरह अलग करने की रणनीति दिखाई दे रही है। चाहे संगठन सृजन कार्यक्रम More »

Madhya Pradesh में DAK विभाग पेशेवर सलाहकारों के माध्यम से अपनी विरासत के भवनों-स्मारकों का करेगा जीर्णोद्धार

मध्य प्रदेश में कई ऐतिहासिक बिल्डिंग और स्मारक हैं जिनकी देखरेख नहीं होने से उनकी हालत खराब हो रही है मगर केंद्रीय डाक विभाग ने अपनी ऐसी विरासत के भवनों व स्मारकों More »

नौ राज्यों के विधानसभा चुनाव नजदीक, कांग्रेस का भारत जोड़ो के बाद हाथ से हाथ जोड़ो नारा

गुजरात-हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद 2023 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड व मिजोरम में चुनाव होना है लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व की नजर लोकसभा चुनाव 2024 पर है। उसने इन गुजरात-हिमाचल प्रदेश की तरह 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए भी अभी कोई रणनीति नहीं बनाई है लेकिन पार्टी नेतृत्व ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को कनेक्ट करते हुए दूसरी हाथ से हाथ अभियान का कार्यक्रम अवश्य बना दिया है। इससे स्पष्ट है कि उसकी नजर राज्यों के बजाय दिल्ली पर टिकी है।

आयुष्मान घोटाला दो महीने पहले शुरू हो सकती थी जांच, पढ़िये कहां दबी रही फाइल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट आयुष्मान भारत को मध्य प्रदेश में अस्पतालों के लिए रुपयों की खदान बनाने में जुटे लोगों की जांच आज से करीब दो महीने पहले ही शुरू हो सकती थी लेकिन लोकायुक्त संगठन की विशेष पुलिस स्थापना द्वारा शिकायत पर प्रारंभिक कार्रवाई के बाद मामला शांत हो गया। विशेष पुलिस स्थापना जिसे आमचलन में लोकायुक्त पुलिस भी कहा जाता है, लोकायुक्त संगठन ने जांच सौंपने से रोक दिया गया। आपको बताने जा रहे हैं कि आयुष्मान भारत घोटाले की जांच के बाद लोकायुक्त संगठन-लोकायुक्त पुलिस के बीच किस तरह चला शीतयुद्ध।

गुजरात के बहाने MP में भाजपा संगठन-सत्ता में बदलाव की मांग उठी, जानिये किसने की मांग

गुजरात विधानसभा चुनाव परिणामों के बहाने मध्य प्रदेश में भी भाजपा संगठन और सरकार में आमूलचूल परिवर्तन की मांग उठी है। यह मांग सरकार और सत्ता पर निशाना साधते रहने वाले एक विधायक ने उठाई है। विंध्य के इस नेता ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्ढा को पत्र लिखकर अपनी बात कही है। आपको इस रिपोर्ट में बताने जा रहे हैं कि कौन हैं यह नेता और बदलाव के पीछे वे क्या बता रहे हैं कारण।

जयस ने ST के साथ एससी, ओबीसी, अल्पसंख्यक को नजदीकी बढ़ाई, सवाल पूरी JAYS एकसाथ है क्या

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 का समय अब कुछ महीने ही बचा है तो राजनीतिक गतिविधियां रोज नई करवट ले रही हैं। आदिवासियों के संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) ने 2018 में कांग्रेस का साथ दिया था लेकिन इस बार जयस के टुकड़े होने से अब इसका एक धड़ा आदिवासियों के अलावा अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक को साथ लेने की कोशिश में चल रहा है। यह माना जा रहा है कि जयस के एक गुट को भाजपा का पीछे से सहयोग है और उसके सहारे इस बार कांग्रेस के वोट को बांटने के प्रयास तेज हो गए हैं।

लोकायुक्त पुलिस में बदलाव में अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों की भूमिका, जानिये किसका क्या रोल

मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना में दो दिसंबर को हुए बदलाव में लोकायुक्त ही नहीं अखिल भारतीय सेवा के कुछ अफसरों की भी विशेष भूमिका रही है। शीर्ष अफसरों के हस्तक्षेप के बाद विशेष पुलिस स्थापना में पहुंचे कैलाश मकवाना ने छह महीने में भ्रष्टाचार में लिप्त बड़ी मछलियों पर हाथ डालने के लिए फाइलों में ऐसी तैयारी कर ली थी कि अखिल भारतीय सेवा के अफसरों में खलबली मच गई थी। इन सेवा की एक अफसर दंपति के मित्र व कुछ अन्य बड़े अधिकारियों ने ऐसा जाल बुना कि लोकायुक्त की इच्छा भी पूरी हो गई और उनका षड़यंत्र भी सामने नहीं आ सका। इसका खुलासा करती यह रिपोर्ट।

बैतूल का तन्मय जिंदा नहीं निकाला जा सका, 100 घंटे बाद निकली लाश

बैतूल जिले की आठ नहर के पास मांडवी गांव में 100 घंटे से ज्यादा समय से बोरवेल में फंसा तन्मय आज जब निकला तो उसकी सांसें उखड़ चुकी थी. रेस्क्यू टीम पांचवें दिन उसके पास पहुंची लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. तन्मय की बोरवेल की गड्ढे में गिरने की घटना मध्यप्रदेश में कोई नई नहीं है मगर घटना होने पर रेस्क्यू पूरा होने तक ही ऐसी घटनाओं को लेकर प्रशासन शासन में चर्चा रहती है और इसके बाद मामला ठंडा पड़ जाता है. फिर जब कोई नई घटना होती है तो शासन प्रशासन इसी तरह चर्चाओं में मुद्दे को भूल जाता है. बैतूल के तन्मय की मौत के बाद शासन-प्रशासन बोरवेल के गड्ढे और खुले पड़े गड्ढों के जिम्मेदार लोगों पर कोई एक्शन लेगा यह जवाबदारी किसी ना किसी को तो देना ही होगी.

लोकायुक्त संगठन में 58 साल का रिकॉर्ड, जानिये सड़-गल चुके दस्तावेजों के हाल….

मध्य प्रदेश में लोकायुक्त संगठन में 58 साल का रिकॉर्ड सड़ और गल रहा है। इसे कुछ महीने पहले तक किसी भी लोकायुक्त या विशेष पुलिस स्थापना के शीर्षस्थ अधिकारियों ने देखा तक नहीं था। इस कारण ऐसे रिकॉर्ड को नष्ट करने के लिए कभी छांटा भी नहीं गया। जब इसे किसी ने देखा नहीं तो नष्ट करने के बारे में सोचा नहीं गया और सोचा नहीं गया तो फिर उसके नियम बनाने का सवाल ही नहीं खड़ा होता। जानिये भ्रष्टाचार की इस जांच एजेंसी में रिकॉर्ड को लेकर हमारी यह खास रिपोर्ट।

बैतूल का तन्मय तीसरे दिन भी बोरवेल के गड्ढे में फंसा, मशीनों से खुदाई बंद मैन्युअल शुरू

बैतूल के आठनेर के पास मांडवी गांव में आठ साल का तन्मय साहू तीसरे दिन भी बोरवेल के गड्ढे में फंसा है। पथरीले इलाका होने से मशीनों के कंपन से बच्चे को तकलीफ हो रही है और अब मशीनों से काम बंद कर मानव श्रम से टनल बनाने की शुरुआत हुई है। दोपहर में तन्मय तक रेस्क्यू टीम के पहुंचने का अनुमान बताया जा रहा है।

मध्य प्रदेश में न भाजपा दुखी न कांग्रेस, दोनों जगह बांटी गई मिठाई

गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभाओं के चुनाव नतीजों ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को एक-एक राज्य में मिली हार के बावजूद खुशी मनाने का मौका दिया। गुजरात की जीत ने भाजपा को हिमाचल प्रदेश में एकबार फिर सरकार नहीं बन पाने का दुख दूर कर दिया है तो गुजरात में चारों खाने चित होने का दुख कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश में बहुमत के आंकड़े के साथ सरकार बनाने का मौका मिलने से कोसों दूर चला गया है। गुजरात में भले ही कांग्रेस और हिमाचल प्रदेश में भाजपा के नेताओं के चेहरे मायूस होंगे लेकिन मध्य प्रदेश में इन दोनों ही राजनीतिक दलों के नेताओं में खुशी की लहर है। वे मिठाई खिलाकर बधाइयां बांट रहे हैं।

एमपी में कांग्रेस के बाद भाजपा एमएलए की सदस्यता खतरे, अपील में जाने तक बची रहेगी विधायकी

अदालतों के फैसलों से मध्य प्रदेश में दो एमएलए की विधायकी पर इस समय संकट मंडरा रहा है। कांग्रेस विधायक मुरैना के अजब सिंह कुशवाह और टीकमगढ़ के राहुल सिंह लोधी के मामलों में फैसला दिया है जिसमें से लोधी को हाईकोर्ट ने चुनाव के नामांकन पर्चों में अलग-अलग जानकारी देने पर विधायकी के अयोग्य घोषित करते हुए चुनाव आयोग को भी इसके बारे में कहा है। वहीं, कुशवाह के खिलाफ अपराधिक प्रकरण में सजा होने पर उनकी विधायकी संकट में आ गई है।

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