CBI जांच के बाद भी नर्सिंग कॉलेजों का फर्जीवाड़ा जारी, अब होशंगाबाद के नर्सिंग कॉलेज की Cyber Police में शिकायत

मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े को लेकर सीबीआई द्वारा जांच की गई थी मगर इस जांच के बाद भी नर्सिंग कॉलेजों में गड़बड़ियां नहीं थम रही हैं। ऐसा एक और More »

Bhopal में नहीं रुक रहा लव जिहाद, कॉलेज Students के बाद अब Model शिकार, जान गंवाई

मध्य प्रदेश में लव जिहाद के मामले थम नहीं रहे हैं, खासकर भोपाल में एक मामला शांत नहीं होता और दूसरा सामने आ जाता है। अभी शारिक मछली और उसके साथियों के More »

Daughters को पढ़ाने के नारा नारे तक सिमटा, Bhopal में ही एक Faimly बेटी को पढ़ाई से दूर करने वाला निकला

दस साल पहले जिस बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारे के साथ भारत सरकार ने योजना को लांच किया था, उसकी जमीनी हकीकत को भोपाल में एक परिवार ने आईना दिखाया है। यहां More »

MP PCC में Rahul से दूर रखे जा रहे संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी, जिलाध्यक्षों की ट्रेनिंग कार्यक्रम से किया दूर

मध्य प्रदेश कांग्रेस में युवा नेतृत्व को मजबूत करने के नाम पर वरिष्ठ नेताओं को दूध में मक्खी की तरह अलग करने की रणनीति दिखाई दे रही है। चाहे संगठन सृजन कार्यक्रम More »

Madhya Pradesh में DAK विभाग पेशेवर सलाहकारों के माध्यम से अपनी विरासत के भवनों-स्मारकों का करेगा जीर्णोद्धार

मध्य प्रदेश में कई ऐतिहासिक बिल्डिंग और स्मारक हैं जिनकी देखरेख नहीं होने से उनकी हालत खराब हो रही है मगर केंद्रीय डाक विभाग ने अपनी ऐसी विरासत के भवनों व स्मारकों More »

MP के 16 IPS हो जाएंगे इस साल विदा, तीन DG तो छह ADG सीनियर पद होंगे रिक्त

मध्य प्रदेश में वर्ष 2023 में 16 आईपीएस का रिटायरमेंट होगा जिसमें महानिदेशक स्तर के तीन और छह अतिरिक्त महानिदेशक स्तर के अधिकारियों की सेवानिवृत्ति है। कैडर के पैरामिड में ऊपर असंतुलन की स्थिति इस साल कुछ बैलेंस बन सकता है। महानिदेशक स्तर पर 1989 बैच और एडीजी के लिए 1999 को पूरा मौका मिलने के बाद प्रमोशन में इनके अगले बैच की शुरूआत हो सकती है।

छतरपुर पुलिस की अनूठी पहल, बच्चों-महिलाओं के लिए थाने में आकर्षक चित्रकारी

पुलिस थाने में जाने में आम आदमी कतराता है। उसे थाना परिसर में प्रवेश में ही अज्ञात भय का अहसास होने लगता है और इसे दूर करने के लिए छतरपुर पुलिस ने एक अनूठी पहल की है। आकर्षक चित्रकारी कर बच्चों और महिलाओं को थाने में प्रवेश के पहले सुखद अनुभूति का अहसास कराने का यह प्रयास किया गया है।

मंत्री बनने के बाद जमीन छोड़ने वाले MLA संकट में, BJP-कांग्रेस को तलाशने होंगे नए चेहरे

मध्य प्रदेश में अब दस महीने का वक्त विधानसभा चुनाव का बचा है लेकिन अभी भी भाजपा-कांग्रेस में मौजूदा विधायकों में से ज्यादातर ऊहापोह की स्थिति में है क्योंकि ऐसे एमएलए ने विधायक बनने या मंत्री बनने के बाद जमीन छोड़ दी थी। ऐसे लोग या तो क्षेत्र में होने के बाद भी अपने लोगों से ही घिरे रहे या फिर क्षेत्र के विकास की तरफ उन्होंने वैसा ध्यान नहीं दिया जिसकी लोगों को उनसे उम्मीद थी। यही वजह से आज शिवराज मंत्रिमंडल के 40 फीसदी तो कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे 60 फीसदी विधायक आज चुनाव हो जाएं तो उनकी हार को सुनिश्चित माना जा रहा है।

रिश्वतखोरों के हौंसले, लोकायुक्त पुलिस ने दो को पकड़ा तो उमरिया में BJP मंडल अध्यक्ष धान तुलाई में हो गया शिकार

रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। रिश्वतखोर नेताओं को भी नहीं बख्श रहे हैं। भोपाल से सटे रायसेन जिले में एक सरपंच के बेटे को पंचायत सचिव नहीं होने पर रोजगार सहायक को प्रभार दिलाने के बदले 20 हजार रुपए देने पड़े तो उमरिया जिले में भाजपा के मंडल अध्यक्ष को धान तुलाई में पल्लेदार को चार हजार रुपए अलग से देना पड़े। सरपंच के बेटे ने तो लोकायुक्त से जिला पंचायत सीईओ कार्यालय के लिपिक को पकड़वाया दिया लेकिन पल्लेदार की कलेक्टर द्वारा जांच की जा रही है। वहीं, ग्वालियर में जहां नगर निगम के दो कर्मचारियों ने एक व्यक्ति से मकान के नामांतरण के लिए दो हजार रुपए की रिश्वत मांगी तो उसे रंगेहाथों पकड़ा गया।

दागदार IAS अधिकारी भटनागर, मंत्रालय की लापरवाही, CM की घोषणा के बाद अवकाश पर नहीं लिया तुरंत फैसला

दो महीने पहले मास्टर प्लान से छेड़छाड़ और भूमि उपयोग परिवर्तन के मामले में फंसे आईएएस अधिकारी तरुण भटनागर के मामले में एकबार फिर राज्य मंत्रालय की लापरवाही सामने आई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद यहां पहुंचे अवकाश के आवेदन पर फैसला लेने में दो दिन लगा दिए और संभागीय कमिश्नर से समन्वय भी नहीं बनाया। हालात यह बन गए कि निवाड़ी जिले के कलेक्टर के लिए दो दिन में दो प्रभारी के आदेश जारी हो गए।

दिग्विजय के भाई लक्ष्मण ने भारत जोड़ो यात्रा और विपक्ष में होने पर भी 42 विधायकों की कमजोर स्थिति पर उठाए सवाल

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह ने एक बार फिर कांग्रेस नेतृत्व से ज्यादातर विधायकों की कमजोर स्थिति पर जवाब की अपेक्षा की है. लक्ष्मण सिंह ने कहा है कि कांग्रेस विपक्ष में होने तथा भारत जोड़ो यात्रा के बाद भी 17 पूर्व मंत्री और 37 विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में कमजोर स्थिति में है.

IAS तरुण भटनागर पर लोकायुक्त पुलिस में FIR के बाद कार्रवाई नहीं हुआ था सम्मान, अब वही CM के आदेश को दिखा गए ठेंगा

बुधवार को निवाड़ी में जिस कलेक्टर तरुण भटनागर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से हटाने का ऐलान किया, यह वही 2012 बैच के युवा आईएएस अधिकारी हैं जिनके खिलाफ दो महीने पहले लोकायुक्त पुलिस में एफआईआर दर्ज हुई थी। मगर तब राज्य शासन ने उन्हें जिले से तो हटाया नहीं था बल्कि 15 दिन बाद उनका राज्य और जिला स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह में दस लाख रुपए के सम्मान से नवाजा था। भोपाल में सीएम चौहान ने उन्हें सम्मानित किया था। जिस अधिकारी को राज्य शासन ने एफआईआऱ के बाद भी जिले से नहीं हटाया, वह सीएम के ऐलान के बाद कार्यमुक्त होने का इंतजार किए बिना अवकाश पर गए।

विधानसभा चुनाव वर्ष में सीएम के नए मीडिया सलाहकार, दिल्ली-मुंबई बनाए गए मुख्यालय

मध्य प्रदेश में 2023 में विधानसभा हैं और इस हिसाब से चुनाव वर्ष की शुरुआत हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने 11 महीने के शेष कार्यकाल के लिए मीडिया सलाहकारों की नियुक्ति की है जो देश की राजधानी दिल्ली व मायानगरी मुंबई में बैठकर मीडिया की नब्ज टटोलकर सीएम हाउस को उसके अनुरूप रणनीति बताएंगे।

लोधी समाज के मंच से दिए बयान पर बवाल के बाद आई उमा की सफाई, मोदी मेरे नेता-भाजपा मेरी पार्टी

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती जिस तरह कुछ समय से अपने तीखे तेवर दिखाने के बाद अचानक नरम पड़ती रही हैं, उसी तरह इस बार भी लोधी समाज के मंच से दिए उनके भाषण के वायरल अंशों पर वे नरम दिखाई दी हैं। भारती ने भाषण के आगे-पीछे के हिस्से को काटकर शेष बयान को वायरल किए जाने पर सफाई दी और कहा कि भाजपा उन्हें साइडलाइन नहीं करती। उनकी सीधी लाइन है। पढिये भारती ने सफाई में जो कहा।

जिस कार्यालय में घोटाला किया वहीं दोबारा दे दी जिम्मेदारी, उनका मामला EOW तक पहुंचा था

स्कूल शिक्षा विभाग में एक महिला शिक्षक द्वारा प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापना के दौरान घोटाला सामने आया था मगर राज्य शासन ने इसे नजरअंदाज कर उसे वापस उसी कार्यालय में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप दी है. इस महिला शिक्षक के खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ ईओडब्ल्यू में शिकायत भी दर्ज है और अदालत द्वारा एक याचिका में इसको लेकर सील बंद लिफाफे में फैसला सुरक्षित रखा था. मगर इन हालातों को नजरअंदाज कर शासन ने शिक्षक को उसी कार्यालय में पदस्थ कर दिया है.

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