मामला करीब पांच साल पुराना है जिसमें कटनी के बार्स्लेय स्कूल की दशमलव शून्य 22 हैक्टेयर जमीन को रेलवे ने अधिग्रहित किया था। इस जमीन का एनडीटीए को दो करोड़ 45 लाख 30830 रुपए का मुआवजा बना था। इस जमीन की पॉवर ऑफ अटार्नी एनडीटीए के चेयरमेन पॉल दुपारे ने पूर्व बिशप जबलपुर डायोसिस पीसी सिंह को दी थी जिसमें उसे संपत्तियों की देखरेख व बेचने का अधिकार दिया गया था। मगर एनडीटीए के नियमों के मुताबिक इसके चेरिटी कमिश्नर नागपुर की अनुमति के बिना न दो संपत्तियों को बेचा जा सकता था और न ही उनका मुआवजा प्राप्त किया जा सकता था।
पीसी सिंह-पॉल दुपारे ने खोला फर्जी खाता
ईओडब्ल्यू की जांच में अब तक यह सामने आया है कि कटनी की जमीन का रेलवे द्वारा स्वीकृत किए गए मुआवजे की राशि को पाने के लिए एनडीटीए की जानकारी के बिना उसके तत्कालीन चेयरमेन पॉल दुपारे और पूर्व बिशप जबलपुर डायोसिस पीसी सिंह ने फर्जी खाता खोल लिया और राशि को उसमें जमा करा ली। एनडीटीए के कूचरचित दस्तावेजों अधिकार पत्र के माध्यम से इन लोगों ने 16 जनवरी 2021 को रेलवे से दो करोड़ 45 लाख 30830 रुपए की राशि बोर्ड ऑफ एजूकेश सीएनआई जबलपुर डायोसिस के खाते में ट्रांसफर कर ली। जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने इस मामले में पॉल दुपारे व पीसी सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी, अपराधिक षड़यंत्र रचने का अपराध दर्ज कर लिया है।
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