मध्य प्रदेश विधानसभा के 1956 में गठन के बाद करीब साढ़े दशक तक विधानसभा में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सदन की शोभा रहे। 1956 में यह संख्या एक तिहाई से ज्यादा थी लेकिन धीरे-धीरे यह कम होती गई। शताब्दी गुजरने के बाद बाबूलाल गौर जैसे चुनिंदा ऐसे सदस्य बचे जिन्होंने आजादी की लड़ाई में कोई योगदान दिया था। आईए जानिये आजादी दिलाने में योगदान देने वाले किन लोगों ने आजाद हिंदुस्तान के मध्य प्रदेश में विधानसभा में बैठकर उसकी शोभा में चार चांद लगाए।
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