सिविल जज इंटरव्यू में ST छात्रों के चयन नहीं होने पर जयस ने उठाया सवाल, कहा Reservation बस दिखावा

मध्य प्रदेश में आदिवासियों की आवाज उठाने वाले संगठन जयस ने सिविल जज इंटरव्यू को लेकर भी बड़ा बयान दिया है। जयस ने कहा है कि इंटरव्यू में एक भी आदिवासी छात्र More »

CBI जांच के बाद भी नर्सिंग कॉलेजों का फर्जीवाड़ा जारी, अब होशंगाबाद के नर्सिंग कॉलेज की Cyber Police में शिकायत

मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े को लेकर सीबीआई द्वारा जांच की गई थी मगर इस जांच के बाद भी नर्सिंग कॉलेजों में गड़बड़ियां नहीं थम रही हैं। ऐसा एक और More »

Bhopal में नहीं रुक रहा लव जिहाद, कॉलेज Students के बाद अब Model शिकार, जान गंवाई

मध्य प्रदेश में लव जिहाद के मामले थम नहीं रहे हैं, खासकर भोपाल में एक मामला शांत नहीं होता और दूसरा सामने आ जाता है। अभी शारिक मछली और उसके साथियों के More »

Daughters को पढ़ाने के नारा नारे तक सिमटा, Bhopal में ही एक Faimly बेटी को पढ़ाई से दूर करने वाला निकला

दस साल पहले जिस बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारे के साथ भारत सरकार ने योजना को लांच किया था, उसकी जमीनी हकीकत को भोपाल में एक परिवार ने आईना दिखाया है। यहां More »

MP PCC में Rahul से दूर रखे जा रहे संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी, जिलाध्यक्षों की ट्रेनिंग कार्यक्रम से किया दूर

मध्य प्रदेश कांग्रेस में युवा नेतृत्व को मजबूत करने के नाम पर वरिष्ठ नेताओं को दूध में मक्खी की तरह अलग करने की रणनीति दिखाई दे रही है। चाहे संगठन सृजन कार्यक्रम More »

राजनीतिक तिकड़मबाजी में बनाए इंदौर शहर अध्यक्ष का घंटेभर रहा कार्यकाल, ऐसे चला घटनाक्रम

मध्य प्रदेश कांग्रेस में चुनावी वर्ष के दौरान कार्यकारिणी के गठन और जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में राजनीतिक तिकड़मबाजी भी चली जिसके चलते इंदौर के शहर अध्यक्ष पद पर हुई नियुक्ति विवाद में उलझ गई है। नवनियुक्त अध्यक्ष ने जल्दबाजी में आज कार्यभार लिया लेकिन घंटेभर भी उनका कार्यकाल नहीं रहा और पार्टी के प्रदेश प्रभारी का एक आदेश पहुंच गया। आपको बता रहे हैं कैसे चला घटनाक्रम।

सिंधिया को तोप नहीं मानने वाली कांग्रेस को कार्यकारिणी के लिए गुना-शिवपुरी में नहीं मिले नेता, छोटे जिले भी उपेक्षित

पूर्व मुख्यंमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जिस केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को तोप मानने से इनकार कर रहे हैं, उनकी कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी के लिए गुना-शिवपुरी में कोई नेता नहीं मिले हैं। ग्वालियर-चंबल संभाग के शिवपुरी-गुना-अशोक नगर जिलों से पीसीसी की नवगठित कार्यकारिणी में कोई नेता नहीं है। वहीं, कुछ छोटे जिलों को 155 उपाध्यक्ष-महासचिवों की कार्यकारिणी में उपेक्षित कर दिया गया है। आपको बता रहे हैं किस जिले से किसे मिला पीसीसी कार्यकारिणी में जगह।

भारतीय क्रिकेट टीम महाकाल की शरण में, भस्म आरती में शामिल

न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम इन दिनों भारत के दौरे पर है। एक दिवसीय मैचों की श्रृंखला में अभी भारत 2-0 अविजित बढ़त बनाए है और उसे मगंलवार को क्लीन स्वीप करने का मौका है। न्यूजीलैंड को चारों खाने चित करने के लिए भारतीय टीम के 25 सदस्य आज सुबह महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुए। आपको बता रहे हैं कौन-कौन भगवान महाकाल की शरण में पहुंचे।

कांग्रेस कहीं मां-बेटे की पार्टी है तो कहीं पिता-पुत्र की, PCC कार्यकारिणी पर CM शिवराज का तंज

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी की रविवार की रात को घोषणा के बाद आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमला बोला। उन्होंने राजनीतिक मामलों के लिए बनाई गई कमेटी में कमलनाथ के साथ नकुलनाथ को शामिल किए जाने पर कहा कि कांग्रेस कहीं मां-बेटे की पार्टी है तो कहीं पिता-पुत्र की। आईए आपको बताएं सीएम की पीसीसी की कार्यकारिणी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवकों को लेकर दी गई प्रतिक्रिया क्या है।

चुनाव पूर्व MPCC में बड़ा परिवर्तन, भारत जोड़ो यात्रा के बाद और होंगे बदलाव, पढ़िये किस नेता के समर्थक क्या बने

मध्य प्रदेश कांग्रेस में चुनावी वर्ष में पीसीसी का पुनर्गठन किया गया है तो पार्टी के 64 जिलों के अध्यक्षों के नामों पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने मोहर लगाई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की 155 उपाध्यक्ष और महासचिव की जंबो कार्यकारिणी एआईसीसी ने घोषित की है जिसमें सिंधिया का साथ नहीं देने वाले नेताओं को भी जगह दी गई है तो कुछ समय से उपेक्षित जैसे चल रहे नेता भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से नवाजे गए हैं। अब तक पीसीसी चीफ के बंगले पर बैठने वाली कोर कमेटी के आधा दर्जन नेता तमाम मामलों में विचार विमर्श करते थे, अब राजनीतिक मामलों की 21 नेताओं की कमेटी बनाई है। जिसमें कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह से लेकर पूर्व अध्यक्षों व अन्य वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया गया है। पीसीसी की कार्यकारिणी में मौजूदा विधायकों के नाम नहीं हैं। इंदौर में कमलनाथ समर्थक विनय बाकलीवाल की जगह अरविंद बागड़ी को जिम्मेदारी दी गई है. कमेटी जारी होने के बाद देर रात एआईसीसी के प्रदेश प्रभारी जयप्रकाश अग्रवाल ने बयान जारी कर कहा कि इस कमेटी में भारत जोड़ो यात्रा समाप्त होने के बाद और भी परिवर्तन होंगे. आइए आपको बताते हैं कि किस नेता के किस समर्थक को मिला क्या पद।

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, धर्मांतरण और उसका विरोध, धार्मिक नहीं, केवल राजनीति

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने धर्मांतरण को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उनका कहना है कि धर्मांतरण कराने वाले लोग किसी को धार्मिक रूप से ऊपर उठाने के लिए नहीं कराते हैं और न ही धर्मांतरण का विरोध करने वाले उसे रोकने के लिए करते हैं। यह सब क्यों होता है, जानिये शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी के विचार।

बुरे फंसे बागेश्वर सरकार: शंकराचार्य की चुनौती, चमत्कारी हैं तो जोशी मठ की दरारें जोड़ें

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम सरकार के नाम से बहुचर्चित हो चुके धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री नागपुर में कथित रूप से दो दिन पहले अपने दरबार को समेटने से बुरी तरह फंस चुके हैं। उनके तथाकथित चमत्कारों को लेकर अब शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने उन्हें चुनौती देकर कहा है कि अगर उनके पास कोई चमत्कार है तो जोशी मठ की दरारों को जोड़ दें। शंकराचार्य की इस चुनौती में बागेश्वर धाम सरकार के चमत्कार को क्या कहा गया, आपको बता रहे हैं।

कमलनाथ कुंठित व्यक्ति, गली के नेता की तरह बर्ताव, CM शिवराज सिंह ने कहा

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ कुंठित व्यक्ति हैं। वे गली मोहल्ले के कार्यकर्ता की तरह बर्ताव कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मीडिया से चर्चा करते हुए कमलनाथ के लिए यह बात कही है। सीएम चौहान ने और क्या कहा, पढ़िये।

उमा भारती पहुंची सीएम हाउस, अब शराबबंदी नीति पर 5 दिन बाद करेंगी बात

मध्य प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती आज रात को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने के लिए मुख्यमंत्री निवास पहुंची. दोनों नेताओं के बीच करीब 1 घंटे तक बातचीत चली और भारतीय ने 5 दिन बाद शराबबंदी को लेकर अपने परामर्श के पालन की दिशा में हुई प्रगति और बात करेंगी.

स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड मेंबर की वन विभाग के साथ लाभ कमाने वाली कमर्शियल एक्टिविटी, अधिकारी मेहरबान

मध्य प्रदेश में वन विभाग के अधिकारी ऐसे एनजीओ पर मेहरबान हैं जिसकी प्रमुख एमपी स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की मेंबर होने के बाद भी फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के साथ लाभ कमाने वाली कमर्शियल एक्टिविटी कर रही है। वन अधिकारियों की यह मेहरबानी मुंबई की एक संस्था की प्रतिनिधि पर है जबकि वैधानिक रूप से वन विभाग के साथ आर्थिक लाभ वाली गतिविधियां चलाने वाले किसी भी व्यक्ति को स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड का मेंबर नहीं बनाया जा सकता। इसको लेकर अब आवाज उठी है। पढ़िये किसने उठाई यह आवाज।

Khabar News | MP Breaking News | MP Khel Samachar | Latest News in Hindi Bhopal | Bhopal News In Hindi | Bhopal News Headlines | Bhopal Breaking News | Bhopal Khel Samachar | MP News Today