मध्य प्रदेश में आम जनता तो दूर सत्ता पक्ष के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से भी नौकरशाही का समन्वय नहीं बैठ पा रहा है। तीन दिनों के भीतर राजधानी में ही दो ऐसी घटनाओं ने प्रशासनिक अमले की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पहले जनपद सदस्य ने बिजली कंपनी के एक अधिकारी के रवैये पर नाराजगी जताई थी तो अब भोपाल के सांसद आलोक शर्मा ने नौकरशाही के कामकाज के तरीके पर विधायक-महापौर की मौजूदगी में सवाल खड़े किए हैं। यह महज इत्तफाक माना जा सकता है कि भोपाल के दोनों मामलों में प्रशासनिक अफसर यादव है। जानिये नौकरशाही के रवैये पर सांसद ने क्या कहा और इसके लिए उन्होंने कैसी चेतावनी दी।
-
दुनिया
-
Bhopal की Bank अधिकारी की यूरोप में ऊंची चढ़ाई, माउंट Elbrus पर फहराया तिरंगा
-
भोपाल के दो ज्वेलर्स ने बैंकों को गोल्ड लोन में लगाया 26 करोड़ का चूना, यूको बैंक की चार शाखा को ठगा
-
UNO के आह्वान पर JAYS ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस, जल, जंगल और जमीन के प्रति जागरूक हुए आदिवासी
-
बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम
-
Rahul Gandhi ने सीजफायर को BJP-RSS की सरेंडर की परंपरा बताया, कहा Modi करते हैं Trump की जी हुजूरी
-