मध्य प्रदेश में आम जनता तो दूर सत्ता पक्ष के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से भी नौकरशाही का समन्वय नहीं बैठ पा रहा है। तीन दिनों के भीतर राजधानी में ही दो ऐसी घटनाओं ने प्रशासनिक अमले की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पहले जनपद सदस्य ने बिजली कंपनी के एक अधिकारी के रवैये पर नाराजगी जताई थी तो अब भोपाल के सांसद आलोक शर्मा ने नौकरशाही के कामकाज के तरीके पर विधायक-महापौर की मौजूदगी में सवाल खड़े किए हैं। यह महज इत्तफाक माना जा सकता है कि भोपाल के दोनों मामलों में प्रशासनिक अफसर यादव है। जानिये नौकरशाही के रवैये पर सांसद ने क्या कहा और इसके लिए उन्होंने कैसी चेतावनी दी।
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