मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले के बाद संस्था का नाम बदलकर मप्र कर्मचारी चयन मंडल भले ही कर दिया मगर उसकी कार्यप्रणाली आज भी पुराने ढर्रे पर ही चल रही है। सरकारी नौकरी चयन के परिणामों की घोषणा के बाद एकबार फिर मंडल सवालों के घेरे में है। सरकारी नौकरी पाने वालों में एक ही परिवार के छह सदस्यों से लेकर एक ही सेंटर के टॉप 10 में सात अभ्यर्थियों के चयन हो जाने से परीक्षा पर शंका के बादल मंडरा रहे हैं। पढ़िये रिपोर्ट।
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