मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में बीते महीने दिसंबर 2022 में अचानक फिर एक एफआईआर हुई है जिसमें दिग्विजय सिंह की शिकायत को आधार बनाया गया है। इस शिकायत में राज्य सरकार के मंत्री, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ जांच करने की मांग की गई थी और अचानक आठ साल बाद शिकायत में आठ आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआर की गई है। एक महीने पहले एसटीएफ में दर्ज हुई इस एफआईआर के दो दिन पहले वायरल होने से यह खुलासा हुआ है। हालांकि शिकायत में दिग्विजय ने मंत्री-भाजपा नेताओं पर निशाना बनाया था लेकिन जांच में ज्यादातर अनुसूचित जाति व जनजाति के लोग घिरे।
-
दुनिया
-
उज़्बेकिस्तान में कोकन अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प महोत्सव में बाग प्रिंट कला का लहराया
-
Bhopal की Bank अधिकारी की यूरोप में ऊंची चढ़ाई, माउंट Elbrus पर फहराया तिरंगा
-
भोपाल के दो ज्वेलर्स ने बैंकों को गोल्ड लोन में लगाया 26 करोड़ का चूना, यूको बैंक की चार शाखा को ठगा
-
UNO के आह्वान पर JAYS ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस, जल, जंगल और जमीन के प्रति जागरूक हुए आदिवासी
-
बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम
-