भोपाल में श्रीराम कथा सुना रहे जगदगुरू रामभद्राचार्य ने भोपाल का नाम भोजपाल कराने का संकल्प लेने के बाद अब रामचरित मानस को राष्ट्र ग्रंथ घोषित कराने का प्रण लिया है। उन्होंने अपनी कथा में कहा है कि वे संसद के दोनों सदनों में रामचरित मानस को राष्ट्र ग्रंथ घोषित कराकर रहेंगे। रामभद्राचार्यजी ने यह भी कहा जो ब्राह्मण पढ़ता नहीं वह तेली-कुम्हार-कोल जैसा।
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