मध्य प्रदेश में जिस तरह कांग्रेस 2003 से सत्ता से बाहर है, उसी तरह गुजरात में 1990 से सत्ता में नहीं आ पा रही है और शायद वहां वापसी के लिए पार्टी ने छह दशक बाद 84वें अधिवेशन के लिए अहमदाबाद को चुना है। मगर राहुल गांधी ने इस अधिवेशन के एक महीने पहले अहमदाबाद में ही जिस तरह से रेस और बारात के घोड़ों को लेकर बयान दिया था, क्या दो दिन के अधिवेशन में उसी दिशा में पार्टी आगे बढ़ने का एजेंडा तैयार करने जा रही है। जानिये हमारी रिपोर्ट में, इस अधिवेशन में मध्य प्रदेश के नेताओं की कैसी स्थिति है।
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