मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा और कांग्रेस के बीच शतरंज का खेल तेज होता जा रहा है। कर्नाटक की तर्ज पर मध्य प्रदेश की सरकार को 50 फीसदी कमीशन की सरकार के आरोपों में घेरने के लिए शुक्रवार को कांग्रेस नेताओं ने कथित लघु एवंं मध्यम श्रेणी संविदाकार संघ के पत्र के आधार पर सोशल मीडिया पर अभियान चलाया जिसमें प्रियंका वाड्रा से लेकर कमलनाथ, अरुण यादव और तमाम नेताओं ने ट्विटर पर मध्य प्रदेश सरकार को 50 फीसदी कमीशन वाली सरकार कहा। मगर आज इस मुद्दे पर भाजपा ने आज पलटवार करते हुए संघ व शिकायतकर्ता को फर्जी बताते हुए प्रियंका-कमलनाथ, यादव सहित कई अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ क्राइम ब्रांच में शिकायत कर दी है। पढ़िये रिपोर्ट।
शुक्रवार को लघु एवं मध्यम श्रेणी संविदाकार संघ के ज्ञानेंद्र अवस्थी नाम के व्यक्ति के हस्ताक्षर का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसको आधार बनाकर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने ट्विटर पर मध्य प्रदेश सरकार को 50 फीसदी कमीशन की सरकार कहा था। इस पत्र में ऐसे ही आरोप लगाए गए थे और शिकायत कर्ता ने संघ को ठेकेदारों का संघ बताते हुए 50 फीसदी कमीशन के बिना भुगतान नहीं होने के आरोप लगाए थे। अरुण यादव के ट्वीट करने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, जयराम रमेश, पीसीसी चीफ कमलनाथ, कांग्रेस के घटक संगठनों व विभागों की समन्वयक शोभा ओझा ने भी 50 फीसदी कमीशन वाली सरकार के आरोपों को सोशल मीडिया पर आगे बढ़ा दिया।
आज भाजपा हुई आक्रामक
लघु एवं मध्यम श्रेणी संविदाकार संघ के बसंत विहार कॉलोनी ग्वालियर व ज्ञानेंद्र अवस्थी की भाजपा ने अपने स्तर पर जांच पड़ताल की तो संबंधित पते पर न तो उक्त व्यक्ति रहता है और न ही कोई ऐसा संघ है। इसके बाद भाजपा आक्रामक हुई और प्रदेश भाजपा कार्यालय में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा, बीडीए अध्यक्ष कृष्णमोहन सोनी, उपाध्यक्ष सुनील पांडे, भगवानदास सबनानी, जिला भाजपा अध्यक्ष सुमित पचौरी आदि एकत्रित हुए। भाजपा नेता क्राइम ब्रांच पहुंचे और उन्होंने कांग्रेस नेताओं प्रियंका गांधी, जयराम रमेश, कमलनाथ, अरुण यादव, शोभा ओझा सहित ज्ञानेंद्र अवस्थी के खिलाफ कठोरतम कानूनी कार्रवाई करने की मांग की।
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