मध्य प्रदेश का हेल्थ डिपार्टमेंट भ्रष्टाचार के शिकंजे में फंसता जा रहा है। पिछले दो महीने में विभाग के सीएमएचओ से लेकर बाबू तक रिश्वतखोरी, अनुपातहीन संपत्ति जैसे मामलों में लोकायुक्त पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं। आगर मालवा, नर्मदापुरम, विदिशा के बाद आज बैतूल जिले के सीएमएचओ के नाम पर लैब असिस्टेंट को लोकायुक्त पुलिस ने 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा है। पढ़िये रिपोर्ट।
बैतूल जिले के सीएमएचओ डॉ. सुरेश बौद्ध जाटव के पास जिले के भौरा में क्लीनिक चलाने वाले डॉ. महेश कुमार पाटनकर ने अपने भतीजे डॉ. सागर पाटनकर का नाम रजिस्ट्रेशन में जुड़वाने के लिए संपर्क किया था। इसके लिए सीएमएचओ ने उनसे डेढ़ लाख रुपए की मांग की मगर बातचीत के बाद वे एक लाख रुपए में राजी हो गए। 50 हजार रुपए लेने के बाद उन्होंने 10 हजार रुपए तीन अगस्त को ले लिए और शेष राशि 40 हजार रुपए आज सीएमएचओ के नाम पर जब बैतूल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहपुर में लैब असिस्टेंट राधा गोविंद शुक्ला ले रहे थे तो लोकायुक्त पुलिस की टीम ने गिरफ्तार कर सीएमएचओ व अन्य के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है।
यह हैं पूर्व के मामले
हेल्थ डिपार्टमेंट में दो महीने पहले आगर मालवा में सीएमएचओ रमेशचंद्र कुरील को संविदा डॉक्टर को नौकरी पर लगातार लेने के बदले में रिश्वत लेते पकड़ा गया था तो पिछले महीने जुलाई महीने में नर्मदापुरम के सीएमएचओ के तीन बाबू महेश मेवारी, गजेंद्र वर्मा और संतोष नगाइच को अपने विभाग की महिला कर्मचारी निर्मला थंडवाल से समयमान वेतनमान देने के लिए रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके बाद कुछ दिन पहले विदिशा के लटेरी के रहने वाले हेल्थ डिपार्टमेंट में राजगढ़ जिला चिकित्सालय के स्टोर कीपर रहे अश्फाक अली के खिलाफ 10 करोड़ से ज्यादा संपत्ति अर्जित करने की कार्रवाई हो चुकी है।
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