सूडान के गृह युद्ध में भोपाल का एक व्यापारी नरेंद्र जयंत केवलानी भी फंस गया है। उसके परिवार वालों को नरेंद्र ने जो युद्ध के हालात के वीडियो और तस्वीरें भेजी हैं, वह दिलदहला देने वाली हैं। परिवार ने विदेश मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ट्वीट कर अपने बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए गुहार लगाई है। देखिये वीडियो और तस्वीरों में युद्ध के हाल।
सूडान में गृहयुद्ध हो रहा है जिसमें सेना और पैरामिलिट्री रेपिड सपोर्ट फोर्स के बीच वर्चस्व की लड़ाई हो रही है। वहां गोलाबारी, रॉकेट लांचरों से दागे जा रहे गोलों व फायरिंग के बीच आम नागरिक फंसे जिनमें कई भारतीय भी हैं। इन भारतीयों में भोपाल का व्यापारी नरेंद्र केवलानी भी है जिसका परिवार यहां संत हिरदाराम नगर में रहता है। नरेंद्र व्यापार करने दुबई गया था और वहां से वह व्यापार करने तंजानिया चला गया। चार मार्च को ही वह सूडान में व्यापार करने पहुंचा था और 20 अप्रैल को उसे वापस भारत आना था। इस वहां गृह युद्ध छिड़ गया।
न पानी न बिजली, लोग परेशान
नरेंद्र केवलानी ने गृहयुद्ध की कई वीडियो और तस्वीरें परिवारवालों को भेजी हैं जो दिलदहलाने वाली हैं। गोलीबारी से आग और धुआं आसमान उठ रहा है तो बस्तियों में गोलीबारी हो रही है। कई घरों में गोले फेंके जाने से मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सेना और पैरामिलिट्री रेपिड सपोर्ट फोर्स के जवानों के बीच युद्ध के दौरान जो भी एक-दूसरे को ज्यादा संख्या में होते हैं तो दूसरे को पकड़कर लात-घूंसों से गुस्सा निकालते देखे जा सकते हैं।
केवलानी परिवार की गुहार
भोपाल के केवलानी परिवार को अपने बेटे नरेंद्र की चिंता है और उनकी बहन ने ट्वीट कर अपने भाई की सुरक्षित वापसी के लिए विदेश मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आग्रह किया है। भाई के फंसे होने और सरकार द्वारा अभी तक कोई कदम नहीं उठाने की वजह से उसका गुस्सा भी ट्वीट में दिखाई दिया है और उन्होंने सरकार को सुप्तावस्था में बताया है।
सेना मुख्यालय घर के सामने होने से गोलाबारी ज्यादा
केवलानी परिवार का कहना है कि नरेंद्र के घर पास ही सेना का मुख्यालय है तो गृहयुद्ध का केंद्र वहीं आसपास बना हुआ है जिससे उसके घर में गोलीबारी से दहशत बेहद ज्यादा है। चिंतित नरेंद्र ने परिवारजनों से फोन पर बताया कि उसके फ्लैट के सामने ही सेना का मुख्यालय है। यहां पर गोलीबारी हो रही है। कई कारतूस फ्लैट परिसर में आकर गिरे हैं। नरेंद्र के अनुसार वापसी के दो दिन पहले ही वहां गृह युद्ध के हालात निर्मित हो गए। वहां की सेना और पैरामिलिट्री रेपिड सपोर्ट फोर्स के बीच वर्चस्व का संघर्ष हो रहा है। सेना मुख्यालय पर हमले के बाद वहां कोई नागरिक घर से बाहर निकलने की स्थिति में नहीं है।
वंशिका ने ट्वीट कर भाई की सुरक्षित वापसी की मांग की
जयंत की बहन वंशिका केवलानी ने ट्विटर हैंडल के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सांसद शंकर लालवानी आदि से मदद की गुहार लगाई है। वंशिका ने पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, दिग्विजय सिंह एवं वरिष्ठ नेता नरेश ज्ञानचंदानी को अपनी आपबीती बताई है। अनहोनी की आशंका से पूरा परिवार चिंतित है। पिता नरेंद्र केवलानी के अनुसार सुरक्षा की चिंता के साथ खाद्य सामग्री की कमी भी बड़ी चिंता है, क्योंकि जयंत एवं उसके साथ रह रहे तीन युवकों के पास दो-तीन दिन की खाद्य सामग्री ही बची है। यदि जल्द कुछ हल नहीं निकला तो हालात बिगड़ जाएंगे। जयंत सूडान की राजधानी खार्तूम में सेना मुख्यालय के पास ही फ्लैट में फंसा है।
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