राजगढ़ जिले के ब्यावरा जनपद सीईओ ने सरपंच से ₹5000 रिश्वत लेकर ₹25000 की मांग की. इस घटना का जब वीडियो वायरल हुआ तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर को सख्त कार्रवाई का निर्देश देते हुए एफआईआर दर्ज करने की का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की नीति के चलते राजगढ़ के कलेक्टर ने ब्यावरा जनपद के हाल ही में निलंबित किए गए सी ई ओ के खिलाफ पुलिस में बुधवार को एफ आई आर भी दर्ज करवाई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा एक शासकीय सेवक के खुलेआम रिश्वत लेने की घटना को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर राजगढ़ को संबंधित के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करवाने के निर्देश दिए थे। यू के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई थी जिसे मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पर्याप्त नहीं बताया था. उन्होंने कलेक्टर को सीईओ के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने के लिए कहा और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात कही.
उल्लेखनीय है कि गत 24 अप्रैल को सरपंच से रिश्वत लेते हुए तथा और भी राशि की मांग करते हुए एक वीडियो वायरल होने के बाद भोपाल संभागायुक्त श्री मालसिंह द्वारा जिला पंचायत राजगढ़ के सी ई ओ के प्रतिवेदन पर जनपद पंचायत ब्यावरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री के.के.ओझा को निलंबित किया था। उक्त सी ई ओ द्वारा अनाधिकृत रूप से एक संरपच से पांच हजार रुपए लेते हुए तथा 25,000 रुपए की और माँग किये जाने संबंधी वीडियो वायरल हुआ था।
कलेक्टर राजगढ़ श्री हर्ष दीक्षित ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के सख्त निर्देश है कि प्रदेश में कही भी किसी भी शासकीय सेवक द्वारा घूस लेने की घटना को पूरी गंभीरता से लेते हुए ऐसे अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करवाकर उन्हे जेल भेजने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने बताया कि उक्त अधिकारी के विरुद्ध थाना ब्यावरा में जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री देवेन्द्र दीक्षित ने थाना ब्यावरा में धारा 07 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित अधिनियम 2018 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई है ।
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