शहला मसूद हत्याकांड में सभी आरोपियों को आजीवन कारावास

शहला मसूद हत्याकांड में सीबीआई की इंदौर कोर्ट ने 4 आरोपियों जाहिदा परवेज, सबा फारुखी, शाकिब और ताबिश को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सरकारी गवाह इरफान को बरी कर दिया गया है।

आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूद की 16 अगस्त 2011 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सीबीआई कोर्ट पिछले 10 दिन से अंतिम बहस सुन रही थी।

शहला मसूद का शव भोपाल के कोहेफिजा स्थित घर के बाहर कार में पड़ा मिला था। सीबीआई ने भोपाल की जाहिदा परवेज, सबा फारूकी के साथ शाकीब डेंजर, ताबिश और इरफान को आरोपी बनाया था। इस दौरान इरफान सरकारी गवाह बन गया था। सीबीआई ने केस में 80 से ज्यादा गवाहों के बयान कराए।

कब क्या हुआ

-सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक जाहिदा, ध्रुवनारायण सिंह के लिए इतनी पागल थी कि उसने ध्रुव और शेहला की नजदीकियों से आहत होकर हत्याकांड को अंजाम दिया। शुरुआती जांच में ध्रुवनारायण सिंह से भी पूछताछ की गई। उनका पॉलीग्राफ टेस्ट भी हुआ,लेकिन जांच में ध्रुव के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले। सीबीआई ने उन्हें क्लीन चिट दे दी।

– 137 तारीखों की सुनवाई में सीबीआई ने 83 गवाह पेश किए। 

-जाहिदा के बार-बार मना करने के बाद भी जब ध्रुव,शेहला से अलग नहीं हुए। यहां से शुरू होती है शेहला की हत्या की कहानी। इसका जिक्र जाहिदा की डायरी में भी है।

-जाहिदा ने शाकिब डेंजर को शेहला की हत्या का अपना इरादा बताया। शाकिब ने कानपुर के इरफान व ताबिश से संपर्क कर सौदा तय किया।

-शाकिब ने ही इरफान और ताबिश को शेहला की हत्या के लिए पल्सर बाइक औैर देशी कट्‌टा उपलब्ध कराया।  दो दिन तक शेहला के घर की रैकी भी करवाई।

-शेहला को मारने की पहला कोशिश 14 अगस्त 2011 को हुई।

-16 अगस्त 2011 को शेहला अपने घर से ऑफिस जाने के लिए जैसे ही कार में सवार हुई। देशी कट्‌टे से गोली मार दी। गोली सीधे कनपटी पर लगी और शेहला ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

-भोपाल पुलिस को शुरुआती जांच में कुछ भी हाथ नहीं लगा। मामला बढ़ा तो जांच सीबीआई को सौंप दी गई।

-छह महीने तक अलग-अलग बिंदुओं पर जांच करने का बाद 28 फरवरी 2012 को इस केस में पहली गिरफ्तारी हुई जाहिदा परवेज की।

-जाहिदा ने बताया उसने शेहला की हत्या के लिए शाकिब से शूटर बुलवाए थे। शाकिब को भी इसी दिन गिरफ्तार किया गया।

-पूछताछ में जाहिदा ने बताया कि हत्या का षड़यंत्र कर्मचारी व दोस्त सबा फारूखी के साथ मिलकर रचा था।

-2 मार्च को सीबीआई ने सबा को भी गिरफ्तार कर लिया।

-शाकिब से हुई पूछताछ के बाद सीबीआई ने 9 मार्च 2012 को इरफान को कानपुर से गिरफ्तार कर लिया।

-जाहिदा व अन्य आरोपियों से हुई पूछताछ के बाद सीबीआई ने हत्याकांड में एक के बाद एक कड़ियां जोड़ना शुरू किया।

-25 मई 2012 को सीबीआई ने 4400 पेज की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी।

-21 जुलाई 2012 को सीबीआई कोर्ट में आरोपियों पर आरोप तय किए गए। 137 सुनवाई में सीबीआई ने 83 गवाह पेश किए।

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