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रिश्वत लेते पकड़ाया प्रधान आरक्षक

साइबर सेल के प्रधान आरक्षक प्रवीण चौहान को झूठे मामले में हॉस्टल संचालक को फंसाने की धमकी देकर रुपयों की मांग करने पर लोकायुक्त पुलिस ने 10 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। प्रवीण चौहान शास्त्री नगर के बगीचे में रिश्वत लेने हुंचा था।
लोकायुक्त निरीक्षक वसंत श्रीवास्तव ने बताया कि शास्त्री नगर में रहने वाले देवेश अष्ठाना ने शिकायत दर्ज कराई थी कि साइबर सेल में पदस्थ प्रधान आरक्षक प्रवीण चौहान द्वारा उससे रिश्वत मांगी जा रही है नहीं देने पर झूठे मामले में फंसाने की धमकी दे रहा है। शिकायत मिलने पर लोकायुक्त के पुलिस अधीक्षक अनिल विश्वकर्मा के निर्देशन में रिश्वत मांगने की पुष्टि कॉल रिकॉर्ड के माध्यम से की गई। जिसमें 10 हजार रुपए मांगने की बात सामने आने के बाद लोकायुक्त टीम के निरीक्षक बलवीर सिंह यादव, सहायक उपनिरीक्षक जागन सिंह, आरक्षक संदीप, विशाल, सुनील, उमेश, हितेश के साथ मिलकर प्रधान आरक्षक को रंगे हाथ पकडऩे का प्लान बनाया गया। शिकायतकर्ता देवेश ने प्रधान आरक्षक को रिश्वत देने के लिए शास्त्री नगर स्थित उद्यान में बने हनुमान मंदिर पर बुलाया। रविवार दोपहर प्रधान आरक्षक प्रवीण चौहान रिश्वत लेने के लिए पहुंचा। उसने 10 हजार रुपए लेकर अपनी जेब में रखें उसी दौरान लोकायुक्त की टीम ने उसे घेराबंदी कर पकड़ लिया। रिश्वत की राशि बरामद करने के बाद उसके हाथ पर लगा रिश्वत का रंग सामने आ गया। मामले में मौके पर ही मंदिर परिसर में लोकायुक्त की टीम ने अपनी पूरी कार्रवाई करते हुए प्रधान आरक्षक के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम का प्रकरण दर्ज किया है। गौरतलब हो कि प्रधान आरक्षक के खिलाफ पूर्व में भी कई बार गंभीर आरोप लग चुके थे। आरोपों के बाद उसका हर बार थाना बदल दिया जाता था। कुछ समय पहले ही वह साइबर सेल में पदस्थ हुआ था।
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