मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में दो सप्ताह से घूम रहा टाइगर शनिवार की रात बकरी का शिकार करने पिंजरे में पहुंचा और कैद हो गया। सुबह साढ़े सात बजे वन विभाग का अमला जब पिंजरे की जांच करने पहुंचा तो टाइगर उसमें मौजूद था। इसके बाद वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और मैनिट के अधिकारियों ने उसकी पिंजरे में मौजूदगी को निरीक्षण किया। जब पिंजरे को ताला लगाया जा रहा था तो टाइगर की दहाड़ से मैनिट गूंज उठा।
डीएफओ आलोक पाठक ने बताया कि टाइगर रात को पिंजरे में पहुंचा। मैनिट के पिंजरे में पकड़ाए टाइगर को लेकर वन विभाग के अधिकारी काफी संख्या में सुबह पहुंचे। अधिकारियों का कहना है कि यही टाइगर वाल्मी और उसके आगे तक देखा गया था। इसके पगमार्क वाल्मी और उसके आसपास पाए गए। शनिवार को इस ढाई बजे यह वाल्मी के आगे चारावाहों ने देखा था। रात को यह वापस मैनिट आया। इसे खुशीलाल आयुर्वेद महाविद्यालय की तरफ से सड़क पार करते हुए रात को लोगों करीब साढ़े दस बजे देखा था। मैनिट के पिंजरे में बंधी बकरी का शिकार करने यह कब पहुंचा, यह अभी पता नहीं चला है लेकिन सुबह साढ़े सात बजे वन विभाग की टीम ने पिंजरे में इसे देखा था।
पहले वाले टाइगर से अलग बाघ होने की आशंका
वन अधिकारियों ने कहा कि पहले जो टाइगर मैनिट में घूमा है वह दूसरा है। वह निकल गया है और यह दूसरा टाइगर है। काफी बड़ा टाइगर बताया जा रहा है और इसकी उम्र के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।
दो सप्ताह से दहशत में मैनिट और आसपास का क्षेत्र
मैनिट में दो और तीन अक्टूबर की रात से एक टाइगर की मौजूदगी नजर आ रही थी और एक गाय को जब उसने शिकार बनाने की कोशिश की तब उसको लेकर मैनिट में दहशत फैल गई। मैनिट में अवकाश घोषित कर दिया गया और छात्रों से हॉस्टल खाली करा लिए गए। कुछ दिनों से फिर टाइगर की मौजूदगी की खबरों से वाल्मी से लेकर मैनिट, खुशीलाल आयुर्वेदी महाविद्यालय आदि क्षेत्र में दहशत थी।
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