मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और मालवा में राजनीतिक में काले बादल छाये जा रहे हैं। कांग्रेस में इंदौर के बाद अब उज्जैन में नेतृत्व के फैसलों को चुनौती दी गई है तो भाजपा में इंदौर में एक के बाद एक गुटीय राजनीति के घटनाओं के बाद रतलाम में खुलकर जिला संगठन को चुनौती दी गई है। इन काले बादलों को भाजपा और कांग्रेस नेतृत्व अब तक छांट नहीं पाया है। पढ़िए इस पर एक रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश में किसी भी राजनीतिक दल के सरकार बनाने का फैसला मालवा की विधानसभा सीटों के परिणामों पर निर्भर करता है। यहां के दस जिलों की 43 विधानसभा सीटों में से ज्यादातर सीटों जिस दल के पक्ष में परिणाम जाते हैं, वही सत्ता में आती है और यही वजह है कि 2018 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार बनी थी। मगर यह इस बार इस मालवा में भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए संकट वाले क्षेत्र बने हुए हैं।
कांग्रेस नेतृत्व को इंदौर पर फैसला नहीं
कांग्रेस ने इंदौर में जिला अध्यक्ष को लेकर कुछ महीने पहले फैसला किया था लेकिन इस फैसले को स्थानीय नेताओं ने चुनौती दी और कुछ घंटे में उसे बदल दिया गया। यही नहीं नेतृत्व के फैसले के खिलाफ भोपाल तक कुछ नेताओं के समर्थक पहुंच गए थे और कांग्रेस आज तक इंदौर में जिला अध्यक्ष का फैसला नहीं कर पाई है। यहां शाजापुर के कांग्रेस नेता महेंद्र जोशी को प्रभार दिया गया है जो स्वयं शाजापुर जिले से विधानसभा चुनाव लड़ने की दावेदारी कर रहे हैं। उनके पास प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में भी कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। ऐसे में इंदौर जैसे प्रदेश की औद्योगिक राजधानी वाले शहर को कांग्रेस प्रभारी अध्यक्ष के सहारे विधानसभा चुनाव के माहौल वाले समय में अपनी कश्ती को चला रही है।
उज्जैन में नया विवाद, शहर अध्यक्ष पदमुक्त
अभी इंदौर का मामला अभी सुलझा भी नहीं था कि उज्जैन में नया विवाद खड़ा हो गया है। यहां जिला शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया के ऑडियो से राजनीति गर्म हो गई है। हालांकि भदौरिया ने इस ऑडियो में उनकी आवाज को अपनी होने से इनकार किया है। इस ऑडियो में उनकी आवाज जैसी आवाज में एक नेताजी प्रदेश नेतृत्व को चुनौती देते सुनाई दे रहे हैं और वे कांग्रेस की महिला नेता नूरी खान के चुनाव लड़ने को उनकी सहमति के बिना कहते सुनाई दे रहे हैं। इस ऑडियो पर कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री राजीव सिंह ने नोटिस भी थमा दिया और तीन दिन में नोटिस का जवाब मांगा गया था । इसके बाद देर शाम को उन्हें पद मुक्त कर दिया गया.
भाजपा में इंदौर के बाद रतलाम में संगठन के लिए परेशानी
भाजपा को भी मालवा के इंदौर-रतलाम में परेशानियां खड़ी हो गई हैं। यहां पहले पूर्व विधायक भंवरसिंह शेखावत, बुजुर्ग नेता सत्यनारायण सत्तन प्रदेश नेतृत्व को चुनौती दे चुके हैं तो हाल ही में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पुलिस की लाठियों से पिटाई के बाद भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे और एकलव्य गौड़ को खुलकर चुनौती दी कि देखते हैं कि कौन भाजपा कार्यकर्ता आपका काम करता है। इसी तरह रतलाम में मंडल अध्यक्ष से हटाए जाने के फैसले के खिलाफ भाजपा नेता विक्रम सिंह ने वाहन रैली निकालकर भाजपा जिला अध्यक्ष हटाने की मांग की। हालांकि अभी तक प्रदेश नेतृत्व ने रतलाम को लेकर कोई फैसला नहीं किया है जबकि जिला संगठन द्वारा विक्रम के निष्कासन का प्रस्ताव भेज दिया है।
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