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मानव सभ्यता के विकास में माँ नर्मदा का विशेष योगदान
नर्मदा देवी नर्मदे सेवा यात्रा में शामिल अधिकांश यात्रियों का कहना था कि मानव सभ्यता के विकास में पुण्य-सलिला माँ नर्मदा का उल्लेखनीय योगदान रहा है। नर्मदा सेवा यात्रियों का कहना है कि नर्मदा नदी के उद्धार का जो बीड़ा राज्य सरकार ने उठाया है, उसके दूरगामी परिणाम निश्चित रूप से सार्थक सिद्ध होंगे।
यात्रा आज 46 वें दिन नर्मदा तट पर बसे जोगा ग्राम से रवाना हुई। रवाना होने के पहले तट पर गुनगुनी धूप और हल्की ठण्ड के बीच माँ नर्मदा की पूजा-अर्चना की गई। आरती और भजन की प्रस्तुति भक्तों और यात्रियों द्वारा की गई। ढोल मंजीरों की थाप पर भक्त और सेवा यात्री अपने आप को थिरकने से रोक नहीं पाए। होशंगाबाद से यात्रा में शामिल होने आए पं. केशव शर्मा का कहना था कि माँ नर्मदा की ऐसी स्तुति उन्होंने जिंदगी में पहली बार देखी है। यात्रा से न सिर्फ नर्मदा तटों का उद्वार होगा, साथ ही जल एवं पर्यावरण संरक्षण भी हो सकेगा।
ग्राम जोगा में नर्मदा सेवा यात्रियों और जन-प्रतिनिधियों द्वारा तट के किनारे आम, पीपल, नीम, बरगद के पौधे रोपित किए गए। जोगा के रहवासियों से पौधों की सुरक्षा एवं देखभाल करने को कहा गया। यात्रा को विदा करने के लिए ग्राम जोगा को तोरण द्वार और रांगोली द्वारा सजाया गया था। घरों की दीवारें भी आकर्षक रंगों से उकेरी गई थी। ऐसा लग रहा था मानो पूरा जोगा नर्मदामय हो गया हो।
जोगा से रवाना होने के बाद यात्रा चिराखान ग्राम पहुँची, जहाँ भव्य स्वागत किया गया। यहाँ भी नर्मदा कलश की आरती उतारकर नर्मदा मैय्या की स्तुति में गीत और भजन प्रस्तुत किए गए। यात्रा चिराखान के बाद रातातलाई पहुँचेगी, जहाँ रात्रि विश्राम होगा। यात्रा में नेहरू युवा केंद्र उपाध्यक्ष श्री बी.डी. शर्मा और पूर्व राजस्व मंत्री श्री कमल पटेल साथ थे।
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