मध्य प्रदेश में मुख्य सचिव पद पर कल एक दिसंबर को कौन काम करेगा, यह स्थिति आज पूर्वान्ह तक स्पष्ट नहीं हो सकी है। चीफ सेक्रेटरी को लेकर प्रदेश में एक दिन पहले तक इतना घना कोहरा कभी नहीं रहा है। इस पद को लेकर चर्चा में बने रहे अनुराग जैन के गुरुवार एक दिसंबर के प्रवास से कोहरा और घना हो गया है। आदेश की सुगबुगाहट तक मंत्रालय के गलियारे में नहीं होने से अधिकारी और कर्मचारियों में असमंजस का मााहौल है। दोपहर के बाद कोहरे से धुंध छंटने की उम्मीद की जा रही है।
मध्य प्रदेश में मुख्य सचिव को लेकर इकबाल सिंह बैंस के रिटायरमेंट के एक दिन पहले आज भी यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि एक दिसंबर से कौन चीफ सेक्रेटरी होगा। मंत्रालय के अधिकारी और कर्मचारी चीफ सेक्रेटरी बैंस की बॉडीलेंग्वेज पर कयासबाजी कर रहे हैं। कुछ यही अंदाज मीडिया जगत और मंत्रालय से नियमित रूप से जुड़े लोग-संगठनों द्वारा लगाए जा रहे हैं। कोई बैंस के फाइलों पर डिसीजनों को टालने पर कयासबाजी कर रहे हैं तो कोई फाइलों को अपने-अपने विभागों में एक दिसंबर तक रोक रहे हैं।
नए अधिकारी की पदस्थापना मुश्किल
मुख्य सचिव पद पर मौजूदा अधिकारी के रिटायरमेंट से एक दिन पहले तक किसी नए व्यक्ति के आदेश नहीं होने से यह संभावना पूरी तरह से व्यक्त की जा रही है कि बैंस को ही सेवावृद्धि मिलेगी लेकिन छह महीने या सालभर इसको लेकर लोग अंदाज लगा रहे हैं। वहीं, कुछ लोग पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से आने और कार्यभार लेने में हुई तुरत-फुरत कार्रवाई का उदाहरण भी दे रहे हैं। बहरहाल जो भी हो, मुख्य सचिव जैसे पद को लेकर किसी भी राज्य की ऐसी स्थिति प्रशासनिक कमजोरी को दर्शाता है और ऐसी स्थिति किसी भी राज्य के लिए सही नहीं है।
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