विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस एक तरफ जहां अपनी पार्टी की सरकार बनने का पूरा दंभ भर रही है तो उसके नेता अभी भी इस बात को लेकर आशंकित हैं कि कहीं 2020 की तरह और कोई बड़ा नेता बगावत नहीं कर दे। उज्जैन में आज पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने भगवान और महाकाल से ऐसी ही कुछ प्रार्थना की है। पढ़िये आखिर क्या कह गए दिग्विजय इस बार।
2018 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार बनने के बाद 2020 में ऐसा राजनीतिक समीकरण बदला कि कांग्रेस के 22 विधायक टूटकर भाजपा में चले गए और सरकार गिर गई। इस बड़े दलबदल का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया था जो अपने समर्थक विधायक ही नहीं कुछ दूसरे धड़े व तटस्थ विधायकों को भी अपने साथ ले गए थे। 15 साल बाद सरकार आने और 15 महीने में चले जाने का गम आज भी कांग्रेस नेताओं को सालता रहता है। कभी कमलनाथ तो कभी दिग्विजय सिंह और अन्य नेता इस बुरे समय को याद करते रहते हैं। आज भी दिग्विजय सिंह ने उज्जैन की पत्रकार वार्ता में ऐसा ही कुछ कहा लेकिन वे जिस अंदाज में यह कह गए, उससे कांग्रेस में बड़े दलबदल के संदेह का आभास होने का अंदाज लगाया जा रहा है।
महाकाल और भगवान से प्रार्थना
दिग्विजय सिंह ने उज्जैन में पत्रकारों से चर्चा में एक सवाल के जवाब के दौरान प्रभू को याद किया और महाकाल से प्रार्थना की कि कांग्रेस में कोई दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया पैदा नहीं हो। सिंह ने अपनी बात में यह भी जोड़ा कि दलबदल कानून को और मजबूत करने की जरूरत है। इस बार पार्टी में टिकट वितरण इस तरह किया जाएगा कि प्रत्याशी टिकाऊ हो, बिकाऊ नहीं। यहां उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के कुछ नेताओं को आज भी यह आशंका है कि पार्टी में अभी सिंधिया समर्थक कई नेता हैं जिन्हें पद दिलाने में स्थानीय स्तर पर नेतागण लगे हैं और पद मिलने के बाद ये चुनाव के चरण पर पहुंचने पर पार्टी छोड़कर भाजपा में जा सकते हैं। दिग्विजय सिंह के बयान से भी इसका आभास होता है।
सिंधिया का पलटवार
सिंधिया ने दिग्विजय सिंह को इसका जवाब देते हुए उनके ही अंदाज में भगवान महाकाल से प्रार्थना की कि हे प्रभू महाकाल दिग्विजय सिंह जैसा देश विरोधी, मध्य प्रदेश का बंटाढार भारत में पैदा नहीं हो।
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