मध्य प्रदेश की दमोह पुलिस की कार्रवाई से केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल नाराज, सुरक्षा लौटाई। पटेल ने पुलिस कार्रवाई पर लगाया सवालिया निशान। पटेल ने झूठा मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाया। पढ़िये क्या है पूरा मामला और मंत्री पटेल की क्यों है नाराजगी।
दमोह में एक सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान के संचालक ने पिछले दिनों आत्महत्या कर ली थी और मृत्यु के पहले उसने कथित रूप से एक सुसाइड नोट लिखा था। इस सुसाइड नोट को पुलिस ने जप्त किया था जिसमें केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के सांसद प्रतिनिधि यशपाल और भाजपा के दो अन्य कार्यकर्ताओं के नाम लिखे थे। उन पर आरोप लगाया गया था कि वे मंत्री पटेल की धमकी देकर उसकी राशन की दुकान को खत्म कराना चाहते हैं और प्रताड़ित करते रहते हैं।
मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा पूरी जांच के बिना झूठा मुकदमा लगाया
मंत्री प्रहलाद पटेल ने यशपाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद आज दमोह पुलिस के खिलाफ आरोप लगाया कि उसने झूठा मुकदमा लगाया है। हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट के बिना एफआईआर दर्ज कर ली गई। पटेल ने कहा कि अगर ऐसा था तो फिर सुसाइड नोट में दूसरे भी नाम थे तो उनके खिलाफ मुकदमा क्यों नहीं बनाया और उनका नाम भी सुसाइड नोट था तो उन्हें भी आरोपी बनाया जाए।
नाराज होकर सुरक्षा लौटाई
केंद्रीय मंत्री पटेल ने कहा कि दमोह पुलिस से वे कोई सुरक्षा नहीं लेंगे। उन्होंने अपने घर और उन्हें दमोह में दी जाने वाली जिला पुलिस की सुरक्षा को लौटा दिया। पटेल ने कहा कि वे दमोह में अपनी निजी सुरक्षा के साथ ही रहेंगे।
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