श्योपुर के पालपुर कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत को लेकर एक खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर हुआ है। इसमें धात्री (तिब्लिसी) चीता की मौत का कारण कीड़ों के संक्रमण से बीमार होने से हुई जिसकी पुष्टि सीसीएफ ने पीएम रिपोर्ट के आधार पर की है। पढ़िये वरिष्ठ पत्रकार गणेश पांडेय की रिपोर्ट।
सीसीएफ का कहना है कि धात्री की कीड़ों के संक्रमण के बाद हुई बीमारी से मौत का तथ्य पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया है। चीते की इस संक्रमण से दो अन्य चीते भी प्रभावित हुए थे और धात्री को पुनः पकड़ने के प्रयास किए गए। सीसीएफ का कहना है कि वर्तमान में बचे चीतों से कॉलर हटा दिए गए हैं क्योंकि उनकी निगरानी के उपकरणों के लिए बेहतर कॉलर की सामग्री की डिजाइन और परीक्षण पर ध्यान दिया जा रहा है। वहीं, पशु चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि लार्वा की अगोचर प्रकृति के साथ-साथ मक्खी के अंडों की तीव्र उष्मायन दर बढ़ने से शीघ्र पता लगाने के लिए चुनौतियां खड़ी करती हैं। कुछ दिनों के अंतराल में यह लार्वा तेजी से परिपक्व हो जाते हैं और जानलेवा साबित होते हैं। यह भारत जैसे उष्णकटिबंधीय जलवायु वाले ग्रामीण क्षेत्रों में या नामीबिया जैसे शुष्क जलवायु वाले बारिश के मौसम में प्रचलित होता है।
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