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कूनो में दक्षिण अफ्रीका से पहुंचे 12 और चीते, पिंजरे से निकलते ही बाड़े कुलांचे भरने लगे

भारत देश में अब लुप्त वन्यप्राणी चीते न केवल फिर से जंगल में कुलांचे भरते धूल उड़ते हुए दौड़ने लगे हैं बल्कि उनकी आबादी भी पांच महीने में 20 तक पहुंच गई है। आज 12 और चीतों को दक्षिण अफ्रीका से लाकर कूनो राष्ट्रीय पार्क में छोड़ा गया। इन्हें अभी छोटे बाड़े में क्वारेंटाइन में रखा जाएगा और कुछ समय बाद नामीबिया से लाए गए चीतों की भांति उन्हें भी कूनो पार्क में छोड़ दिया जाएगा।
मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो राष्ट्रीय पार्क अब देश में चीतों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है। 1952 में चीते भारत में लुप्त वन्यप्राणी घोषित कर दिए गए थे लेकिन इन्हें दोबारा भारत में लाकर उनका कुनबा बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने चीता प्रोजेक्ट शुरू किया। गिर के शेरों के लिए विकसित किए गए मध्य प्रदेश के पालपुर कूनो राष्ट्रीय पार्क सहित कुछ अन्य राष्ट्रीय उद्यानों पर चीता प्रोजेक्ट के लिए विचार शुरू किया गया और कूनो राष्ट्रीय पार्क को सभी स्थानों से ज्यादा उपयुक्त माना गया।
12 चीतों को कूनो में आज छोड़ा गया
दक्षिण अफ्रीका से भारतीय वायुसेना के विमान में भारत लाए गए 12 चीतों को आज ग्वालियर से पिंजरों में कूनो तक लाया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वन मंत्री विजय शाह ने चीतों को एक-एक कर उनके क्वारेंटाइन अवधि के लिए बनाए गए बाड़ों में छोड़ा गया। कुछ चीते आसपास का माहौल को भांपने के बाद दबे पांव बाड़े में घुसे तो कुछ ने पिंजरे से दौड़ लगाकर बाड़े का माहौल देखा। दो चीते अपने-अपने बाड़े की बाउंड्री में ग्रीन नेट के भीतर से एक-दूसरे को देखते हुए भी वीडियो में नजर आए।
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