मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सीनियर हाईकमान के कार्यक्रमों को दूसरे दर्जे पर रखता है और उसी तरह पार्टी से नाता तोड़ने वाले एमपी से दूर के नेताओं को गोद में बैठा रहा है, वह पार्टी लाइन से हटकर है। ताजा उदाहरण इंदौर में वकीलों के एक कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सदस्य के साथ जिस तरह पार्टी के नेता खड़े नजर आ रहे हैं, वह इसका संकेत दे रहे हैं। पढ़िये हमारी रिपोर्ट।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल पिछले साल कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सदस्य बने लेकिन लगता है कि दिल्ली में उन्होंने पार्टी छोड़ दी है, मध्य प्रदेश में आज भी नेता उनके साथ हैं। इंदौर में वकीलों के एक आयोजन और उसमें शामिल होने वाले नेताओं, प्रचार अभियान की तस्वीरों से यही कुछ लगता है। कपिल सिब्बल को अभिभाषकों ने आमंत्रित किया है लेकिन उनके कार्यक्रम का समाचार पत्रों में जो विज्ञापन दिया गया उसमें पूर्व उपमहाधिवक्ता अंशुमान श्रीवास्तव व अन्य वकीलों ने प्रकाशित कराया था।
विज्ञापन में देश-प्रदेश के कांग्रेस नेता
कपिल सिब्बल के कार्यक्रम को लेकर प्रकाशित विज्ञापन में सोनिया-राहुल-प्रियंका गांधी वाड्रा से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की तस्वीरें तो हैं तो दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, अजय सिंह, जीतू पटवारी, सज्जन सिंह वर्मा जैसे नेताओं सहित करीब दो दर्जन और नेताओं की फोटो भी हैं। इस विज्ञापन से आयोजन कांग्रेस का लगता है और पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सदस्य बनने वाले सिब्बल के प्रदेश में ऐसे स्वागत पर हाईकमान को कहीं चुनौती तो नहीं दी जा रही है।
दिग्विजय ने कहा अच्छी शुरुआत
इंदौर के इस आयोजन को लेकर दिग्विजय सिंह ने वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तनखा को बधाई दी है और कहा कि यह अच्छी शुरुआत है। जबकि तनखा ने अपने सोशल मीडिया संदेश में कपिल सिब्बल-सैम पित्रोदा के साथ नई यात्रा की शुरुआत बताया और कहा कि हम लोग लोकतंत्र को मजबूत करने को मंत्र मिलेगा और लोकतांत्रिक संस्थाओं व कानून-वकीलों के बदलते स्वरूप का खाका तैयार करने में मदद मिलेगी। हालांकि तनखा पिछले दिनों राहुल गांधी को यह भी ऑफर कर चुके हैं कि वे अगर राज्यसभा जाना चाहते हैं तो अपनी सीट छोड़ने को तैयार हैं और जिस दिन चाहे वे राज्यसभा उनकी सीट से जा सकते हैं।
हाईकमान के अभियान और एमपी कांग्रेस
मध्य प्रदेश में राहुल गांधी के खिलाफ अदालत के फैसले, लोकसभा सदस्यता से निष्कासन, सरकारी बंगला खाली करने के बाद सांकेतिक आंदोलन-सोशल मीडिया पर डरो मत अभियान हो या भारत जोड़ो यात्रा के बाद हाथ से हाथ जोड़ो अभियान में विशेष ध्यान नहीं दिया गया। आज तक मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी या पीसीसी अध्यक्ष के ट्विटर हैंडल पर डरो मत अभियान का स्टेट्स नहीं दिखाई दिया है।
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