अकेले रहने वाले वृद्धजनों पर भोपाल पुलिस से सवाल, आयोग ने मांगा जवाब

मध्य प्रदेश राज्य मानव अधिकार आयोग ने भोपाल सहित जबलपुर, सीहोर और शाजापुर के पांच अलग-अलग मामलों में पुलिस कमिश्नर, कलेक्टरों व सीएमएचओ से जवाब मांगे हैं। भोपाल पुलिस से अकेले रहने वाले वृद्धजनों को लेकर तीन बिंदुओं के सवालों के जवाब चाहे हैं जिसमें ऐसे लोगों की जानकारी, सुरक्षा की व्यवस्था के बारे में पूछा है।

भोपाल शहर के कमला नगर इलाके में अकेले रहने वाले बुजुर्ग की मौत हो गई। मकान से दो दिन पुरानी लाश बरामद हुई। पुलिस के मुताबिक निर्मल अजमेरा (70 वर्ष) कोटरा सुल्तानाबाद में अकेले रहते थे। उनके भाई का परिवार मंगलवारा में रहता है। बीते रविवार को आखिरी बार उन्होंने डिलेवरी वाॅय से जूस मंगाया था। दो दिनों तक काॅल नहीं आने पर बीते बुधवार की शाम डिलेवरी बाॅय उनके घर पहुंचा। दरवाजा बंद था और अंदर से बदबू आ रही थी। पुलिस ने किसी तरह दरवाजा खोलकर देखा, तो निर्मल की मौत हो चुकी थी। शव दो-तीन दिन पुराना है। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर पुलिस कमिश्नर, भोपाल शहर व कलेक्टर, भोपाल से एक माह में जवाब मांगा है। आयोग ने इन अधिकारियों से पूछा है कि – 01. क्या अकेले निवासरत् वृद्धजन की देखभाल व सुरक्षा के लिये सम्बन्धित क्षेत्र की पुलिस संस्था को कोई दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं ? 02. क्या भोपाल क्षेत्र में रह रहे ऐसे वृद्धजन की संस्था/आंकडे उपलब्ध हैं, जिनके आधार पर उनकी सुरक्षा व देखभाल के लिये व्यवस्था हो सके ? 03. क्या भोपाल जिले के पुलिस थानों पर उनके क्षेत्राधिकार में निवासरत् ऐसे असहाय वृद्धजन के संबंध में जानकारी रखने और उनकी आवश्यकताओं, सुरक्षा आदि के संबंध में व्यवस्था के कोई दिशा-निर्देश हैं ?
रसूखदारों ने सर्विस रोड बंद की तो कलेक्टर से मांगा जवाब
कोरोना महामारी के दौरान भोपाल शहर की शाहपुरा काॅलोनी के ए और बी सेक्टर को जोडने वाली सर्विस रोड को बंद कर दिया गया था। उस समय रहवासियों की जान की सुरक्षा का सवाल था, तो यह निर्णय लिया गया था, लेकिन अब रसूखदारों के दवाब में इसे खोला ही नहीं जा रहा है। जबकि रहवासी इसे खुलवाने के लिये अफसरों से गुहार लगा रहे हैं। रहवासी इस सर्विस रोड को खुलवाने के लिये नगर निगम कमिश्नर से लेकर कलेक्टर तक से गुहार लगा चुके हैं। यही नहीं सीएम हेल्पलाईन में भी शिकायतें की गयईं लेनि इन रहवासियों को कहीं से भी राहत नहीं मिल सकी है। इस अव्यवस्था से क्षेत्र की 5 हजार से अधिक की आबादी परेशान है, क्योंकि सर्विस रोड़ बंद होने से से बच्चों, बुजुर्गों, राहगीरों, नौकरी-पेशा व अन्य सभी को भारी परेशानी का सामना कररना पड रहा है। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर कलेक्टर, भोपाल को समुचित कार्यवाही कराकर एक माह में जवाब मांगा है।
स्कूल में खड़ी 1200 साइकलें किसकी-किसे देनी, किसी को पता नहीं
जबलपुर शहर के शासकीय उच्चतर माध्यमिक कन्या विद्यालय, महारानी लक्ष्मीबाई स्कूल परिसर के अंदर करीब 1200 साइकिलें खुली जगह में खड़ी हुई हैं। बरसात में बाहर खडे रहने से जंग लगना शुरू हो गई है। यह साइकिलें ग्रामीण क्षेत्रों के उन विद्यार्थियो के लिये हैं, जिन्हें दूर से स्कूल आने में दिक्कत होती है। लेकिन आधा साल बीत जाने के बाद भी ये बच्चों को नहीं दी गईं। स्कूल की प्राचार्या का कहना है कि साइकिलें कहां जायेंगी, उन्हें पता नहीं है ? मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर कलेक्टर, जबलपुर को समुचित कार्यवाही कराकर एक माह में जवाब मांगा है।
कुछ साल में ही नेवज नदी पुल क्षतिग्रस्त, अफसरों से जवाब तलब
शाजपुर जिले के अकोदिया-शुजालपुर मार्ग पर कुछ वर्ष पूर्व ही बनकर तैयार हुये नेवज नदी के पुल पर निर्माण के बाद से ही परेशानी चली आ रही है। इस पुल पर पहले भी सड़क पर लगे एंगल उखड गये थे और दरारें भी पड़ गयीं थीं। अब इस पुल पर सड़क का एक बड़ा हिस्सा नीचे की ओर धंसता दिखाई दे रहा है। भारी वाहनों के निकले पर कंपन भी हो रहा है। बताया जाता है कि पुल का एक पिलर क्षतिग्रस्त हो रहा है। इस पुल के नीचे भी पुल का मटेरियल टपक रहा है। इस मामले में मप्र सडक विकास निगम लिमिटेड (एमपीआरडीसी) की ओर से कोई भी कार्यवाही नहीं की गयी है। इस पुल के गढ्ढे में गिरकर कई लोग घायल भी हो चुके हैं। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर संभागीय प्रबंधक, मप्र सड़क विकास निगम लिमिटेड, पीडब्ल्यूडी कैंपस, फ्रीगंज, उज्जैन संभाग तथा कलेक्टर, शाजापुर से समुचित कार्यवाही कराकर एक माह में तथ्यात्मक जवाब मांगा है।
ऑक्सीजन प्लांट का लाभ नहीं मिलने पर सीएमएचओ से जवाब तलब
सीहोर जिले के नागरिकों को जिला अस्पताल परिसर में स्थापित आॅक्सीजन प्लांट का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वह इसलिये कि आॅक्सीजन प्लांट का निर्माण करने वाली संस्था परियोजना क्रियान्वयन इकाई (पीआईयू) द्वारा आॅक्सीजन प्लांट से जिला अस्पताल के सभी वार्डों तक आॅक्सीजन आपूर्ति करने के लिये सप्लाय लाईन्स अभी तक नहीं डाली गयी हंै। आॅक्सीजन प्लांट का निर्माण 2021 में ही हो गया था, परंतु इसका लाभ मरीजों को अबतक नहीं मिल पा रहा है। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) तथा कार्यपालन यंत्री, पीआईयू, सीहोर से एक माह में जवाब मांगा है।

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