नर्सिंग घोटाले में सीबीआई जांच में हुई गड़बड़ी का पर्दाफाश करने वाले व्हिसिलब्लोअर एनएसयूआई नेता रवि परमार को अपनी जान को खतरा है। परमार ने घोटाले के उजागर होने के बाद सख्त एक्शन की वजह से प्रभावितों द्वारा झूठे मामले में फंसाने या हत्या करा दिए जाने की आशंका के चलते मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर समय मांगा है। पढ़िये रिपोर्ट जिसमें रवि परमार को किनसे किस वजह से जान को खतरा या झूठे मामले में फंसाने का डर है।
नर्सिंग घोटाले का पर्दाफाश करने वाले व्हिसिलब्लोअर एनएसयूआई नेता रवि परमार नर्सिंग की पढ़ाई कराने वाले शिक्षण समूहों व नर्सेज रजिस्ट्रेशन कौंसिल की गड़बड़ियों को लेकर लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं जिसकी वजह से उन्हें एकबार एक मामले में हथकड़ी पहनकर जेल में भी डाला जा चुका है। मगर सीबीआई जांच में भी गड़बड़ियां होने पर जब उन्होंने इस मुद्दे को फिर उठाकर पूरे गठजोड़ का पर्दाफाश कर दिया है तो एकबार फिर उन्हें न केवल जेल में डाले जाने बल्कि हत्या करा दिए जाने की आशंका का डर सता रहा है। इस डर के कारण अब उन्होंने सीएम डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर समय मांगा। रसूखदारों व अधिकारियों से खतरा बताया नर्सिंग घोटाले के व्हिसिलब्लोअर रवि परमार ने मुख्यमंत्री यादव को लिखे पत्र में कहा है कि नर्सिंग घोटाले में कई बड़े शिक्षा माफिया, मध्य प्रदेश सरकार के अधिकारी शामिल हैं। परमार ने कहा कि अपनी जान के लिए घोटाले में शामिल रसूखदारों और सीबीआई जांच में शामिल अधिकारियों की बर्खास्तगी के बाद मध्य प्रदेश के अधिकारियों-के निशाने पर आ गए हैं। ये लोग या तो उनकी हत्या कराई जा सकती है या फिर किसी भी झूठे मामले में फंसा सकते हैं। हत्या या झूठे मामले में फंसाने के पीछे यह कारण घोटाले को उजागर करने वाले रवि परमार को अपनी हत्या या झूठे प्रकरण में फंसाए जाने की आशंका का डर इसलिए है क्योंकि उनका दावा है कि इस पूरे मामले के महत्वपूर्ण साक्ष्य उनके पास हैं। जिन अधिकारियों को उन्होंने लगातार शिकायतें कीं, उन्होंने ध्यान नहीं दिया और दबाने का प्रयास किया था और अब ये लोग उन्हें फंसा सकते हैं या मरवा सकते हैं। परमार ने मुख्यमंत्री यादव से इसके लिए समय मांगा है और कहा कि वे संपूर्ण साक्ष्य मुलाकात के दौरान सौंपना चाहते हैं जिससे मध्य प्रदेश की शिक्षा पर धब्बा लगाने वाले नर्सिंग घोटाले का पूरा सच सामने आ सके और आरोपियों को सजा मिल सके।
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