मध्य प्रदेश कांग्रेस में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में हार के बाद प्रदेश महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह ने रविवार को राज्य के चुनिंदा 100 नेताओं के साथ ग्रुप डिस्कशन किया तो एक ऐसे दिग्गज नेता ने प्रदेश कांग्रेस में संगठन पर सवाल उठाए जो खुद उसके प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से हिस्सा रह चुके हैं। इन नेताओं के अलावा कई अन्य नेताओं ने भी कुछ इसी तरह के सवाल उठाकर पार्टी के संगठन को नए सिरे से खड़ा करने की जरूरत बताई। पढ़िये रिपोर्ट।
विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जबरदस्त हार को लेकर अब पार्टी हाईकमान की ओर से मंथन की शुरुआत की गई है जिसमें फैक्ट फाइडिंग कमेटी के दौरे के बाद प्रदेश प्रभारी महासचिव-प्रभारी सचिव की बैठकों का सिलसिला दो सप्ताह से चल रहा है। प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह अपने सचिवों के साथ मिलकर दो दिन के दौरान पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में प्रत्याशियों और चुनिंदा नेताओं से चर्चा की। रविवार को जिन नेताओं के साथ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नेताओं ने चर्चा की, उनके ग्रुप्स बनाकर पहले उन्हें अलग-अलग विषय पर उनकी विचारों को लिखित में लिया गया। वरिष्ठ नेताओं ने अपने विचार भी रखे जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री सांसद दिग्विजय सिंह, वरिष्ठ विधायक अजय सिंह से लेकर कई अन्य नेता शामिल थे।
दिग्विजय ने प्रदेश संगठन पर सवाल उठाया
कमलनाथ सरकार से लेकर उनके अध्यक्षीय कार्यकाल में सर्वाधिक चर्चा में रहे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रविवार को प्रदेश प्रभारी महासचिव के सामने संगठन पर सवाल उठाया और कहा कि कहीं भी संगठन नहीं है। जिलों में कार्यकारी अध्यक्ष सबसे पहले खत्म करने की आवश्यकता बताई। दिग्विजय सिंह के संगठन पर उठाए सवालों पर कुछ नेताओं ने साथ दिया और कहा कि मंडलम-सेक्टर कई जगह नहीं हैं। अजय सिंह ने प्रदेश के संगठन में निरंतर काम कर रहे नेताओं को काम दिए जाने की जरूरत बताई और कहा कि अभी संगठन में जिम्मेदारियां नहीं बांटी जा रही हैं। यह बैठक करीब नौ घंटे चली जिसमें दो सत्र रखे गए थे।
कुछ समय में आ सकती है कार्यकारिणी
प्रदेश प्रभारी महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह ने नेताओं के साथ बैठकों के इस दौर के बीच मीडिया से चर्चा भी की और नई प्रदेश कार्यकारिणी के जल्द ही आने की बात कही। पार्टी के चुनिंदा नेताओं के साथ बैठक में आए सुझावों पर काम किए जाने तथा कहा कि संगठन को मजबूत करने की दिशा में काम होगा।
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