Category Archives: आपकी आवाज, हमारी कलम

MP PCC में सरकार को घेरने की रणनीति बताने जिलों में PC की कमान सौंपने में आंतरिक खींचतान की झलक

मध्य प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस सरकार को घेरने के लिए आंदोलन तो करने जा रहा है लेकिन पार्टी के भीतर चल रही खींचतान से आंदोलन में सरकार को ताकत दिखाने के बजाय नेताओं को कमजोर करने की रणनीति ज्यादा दिखाई दे रही है। विधानसभा घेराव के पहले प्रदेश में कांग्रेस ने दो दिन तक जिलों में पत्रकार वार्ताओं का आयोजन कर मुद्दों को प्रेस के सामने रखने के लिए जिन्हें कमान सौंपी है, उसमें कुछ नेताओं को कमजोर करने और कुछ नेताओं को वंशवाद में उलझाकर समर्थकों में फूट डालने की राजनीतिक चालबाजी नजर आ रही है। पढ़िये मध्य प्रदेश कांग्रेस में मचे इसी घमासान पर विशेष रिपोर्ट।

उपचुनाव के बाद विजयपुर जीत पर नेता आमने-सामने, दिग्विजय समर्थकों के निशाने पर फिर उमंग सिंगार

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की उपचुनाव में विजयपुर में जीत का श्रेय लेने के लिए नेता आमने-सामने आ गए हैं तो वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार को दिग्विजय सिंह समर्थकों ने घेरते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में पार्टी प्रत्याशी को जिताने के लिए एक करोड़ रुपए लिए जाने के आरोप लगा दिए हैं। इस तरह कांग्रेस में उपचुनाव में विजयपुर सीट पर जीत का श्रेय पीसीसी चीफ जीतू पटवारी को देने के बजाय स्थानीय नेताओं को देने वाले उमंग सिंगार के खिलाफ समाचार पत्र में दिग्विजय समर्थक का पत्र लीक हुआ जिसमें उन्हें लूटेरों-डकैतों का संरक्षक बताते हुए गवाही के तौर पर पीसीसी-डीसीसी के पदाधिकारियों के नामों का खुलासा किया गया। पढ़िये रिपोर्ट।

वन मंत्री रावत की हार में चुनाव से दूर रहे किस नेता की हुई जीत, जानें किन नेताओं के वर्चस्व की लड़ाई में मोहरा बने रावत

मध्य प्रदेश के विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में वन मंत्री और भाजपा के प्रत्याशी रामनिवास रावत की हार पार्टी के दो नेताओं के बीच ग्वालियर-चंबल में चल रही वर्चस्व की लड़ाई का नतीजा माना जा रहा है। हालांकि मंत्री की इस हार के पीछे भाजपा के वन मंत्री की हार का एक मिथक भी बताया जा रहा है जिसमें विजय शाह को छोड़कर जो भी वन मंत्री रहा वह चुनाव हारकर हाशिये पर चला गया है। पढ़िये रामनिवास रावत की हार की विश्लेषण रिपोर्ट।

विजयपुर उपचुनाव का परिणाम कुछ भी रहे मगर सिंधिया की रामनिवास के चुनाव प्रचार से दूरी के राजनीतिक मायने हुए साफ

मध्य प्रदेश विधानसभा के बुदनी-विजयपुर उपचुनावों में प्रत्याशियों का भविष्य ईवीएम मशीनों में बंद हो गया और परिणाम कुछ भी रहे लेकिन इन उपचुनावों से भाजपा-कांग्रेस में कुछ राजनीतिक मायने एकदम साफ हो गए हैं। भाजपा में जहां केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रत्याशी व कांग्रेस में उनके समर्थक रहे रामनिवास रावत से रिश्तों से पर्दा हट गया है तो वहीं कांग्रेस में जीतू पटवारी की रबर स्टाम्प प्रदेश अध्यक्ष की छवि का जमकर प्रचार हुआ है। पढ़िये रिपोर्ट।

हाथियों के झुंड से बिछुड़े नन्हे बच्चे की भी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मौत, दो दिन से चल रहा था इलाज

मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है और 10 हाथियों की मौत के बाद उनके समूह से बिछुड़े हाथी के बच्चे की भी रविवार को सुबह मौत हो गई। पढ़िये हाथी का बच्चा कैसे बिछुड़ा और कहां वन विभाग की टीम को मिला था।

कांग्रेस की कार्यकारिणी में दलबदलुओं, वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ अनर्गल बयान देने वालों की भरमार, विरोध का सिलसिला जारी

मध्य प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी को लेकर विरोध का सिलसिला लगातार जारी है। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी जहां नेताओं को दिलासा दे रहे हैं तो मीडिया विभाग से जुड़े नेता अनौपचारिक रूप से सोशल मीडिया पर कार्यकारिणी की खूबियों को गिनाकर संतुलित बताने की कोशिशें की जा रही हैं। विरोध करने वालों को राज्यसभा सदस्य अशोक सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं द्वारा चेतावनी दी जा रही है। पढ़िये रिपोर्ट में कि कार्यकारिणी में किन दलबदलुओं, नेताओं के खिलाफ अनर्गल बयान देने वालों को जगह मिली।

नाते रिश्तेदारों की MP कांग्रेस कमेटी, 10 नेताओं के 24 रिश्तेदार, दिग्गी के ज्यादा रिश्तेदार जीतू कार्यकारिणी में

मध्य प्रदेश कांग्रेस में जीतू पटवारी की दस महीने बाद आई 335 पदाधिकारियों वाली कार्यकारिणी में दस नेताओं के नाते रिश्तेदारों की फौज है। 24 रिश्तेदारों को इन नेताओं ने कार्यकारिणी में शामिल करा लिया है और आम कार्यकर्ता आज नाराज होकर इस्तीफे दे रहा है तो सोशल मीडिया पर भड़ास निकाल रहा है। वहीं, जीतू पटवारी कार्यकर्ताओं को यह डायलॉग देने में नहीं चूक रहे हैं कि आपके लिए मैंने बहुत कुछ अच्छा सोच रखा है। पढ़िये रिपोर्ट।

MP कांग्रेस की नवगठित कमेटी में लोकसभा-विधानसभा हारे नेताओं की फौज में नकुल नहीं, दिग्विजय के पुत्र सहित तीन रिश्तेदार

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष जीतू पटवारी की नवगठित कमेटी में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का प्रतिबिंब नजर आता है। उनके पुत्र सहित तीन रिश्तेदार कमेटी में हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पूर्व सांसद पुत्र को कमेटी में शामिल ही नहीं किया गया है। कांग्रेस छोड़कर गए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी समर्थकों को कमेटी में खूब जगह दी गई है तो नई कमेटी में 22 विधायक भी हैं जो अपने क्षेत्र को देखेंगे तो कमेटी में उनके होने से पार्टी संगठन के काम पर असर पड़ेगा। बड़े नेताओं के विरोधियों को पटवारी ने अपनी कार्यकारिणी में लेने में किसी प्रकार का संकोच नहीं दिखाया है। पढ़िये नवगठित कमेटी पर विशेष रिपोर्ट।

विस चुनाव हारने के बाद MP कांग्रेस में युवा नेतृत्व के रूप में आए जीतू की दस महीने में कार्यकारिणी आई, नाथ-दिग्गी समर्थक ज्यादा

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में हार के बाद जिस त्वरित निर्णय के साथ जीतू पटवारी को युवा नेतृत्व के रूप में कमान सौंपी गई थी, वह दस महीने में अपनी कार्यकारिणी बना सके हैं। दस महीने बाद आई बहुप्रतीक्षित कार्यकारिणी में एकबार फिर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह वजनदार दिखाई दिए हैं क्योंकि 88 उपाध्यक्ष-महामंत्री में करीब 50 फीसदी इन नेताओं के समर्थकों को पद मिले हैं। पढ़िये रिपोर्ट।

MP उपचुनाव में विरोध के बीच एकजुटता दिखाती BJP तो कांग्रेस दिग्विजय के ईर्द-गिर्द

मध्य प्रदेश के बुदनी-विजयपुर उपचुनाव में मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा और कांग्रेस दोनों में ही टिकट दिए जाने से नाराजगी दिखाई दे रही है जिस पर भाजपा ने काबू पाने के लिए दावेदारों को नामांकन पर्चा दाखिल कराने के लिए आयोजित रैली में एक मंच पर लाकर एकजुटता का परिचय दिखाया है। कांग्रेस में बुदनी और विजयपुर उपचुनाव दिग्विजय सिंह के ईर्दगिर्द ही घूमते नजर आ रहे हैं जिससे कई नेताओं में नाराजगी नजर आ रही है। पढ़िये रिपोर्ट।

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