मध्य प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस सरकार को घेरने के लिए आंदोलन तो करने जा रहा है लेकिन पार्टी के भीतर चल रही खींचतान से आंदोलन में सरकार को ताकत दिखाने के बजाय नेताओं को कमजोर करने की रणनीति ज्यादा दिखाई दे रही है। विधानसभा घेराव के पहले प्रदेश में कांग्रेस ने दो दिन तक जिलों में पत्रकार वार्ताओं का आयोजन कर मुद्दों को प्रेस के सामने रखने के लिए जिन्हें कमान सौंपी है, उसमें कुछ नेताओं को कमजोर करने और कुछ नेताओं को वंशवाद में उलझाकर समर्थकों में फूट डालने की राजनीतिक चालबाजी नजर आ रही है। पढ़िये मध्य प्रदेश कांग्रेस में मचे इसी घमासान पर विशेष रिपोर्ट।
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