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स्वामी अग्निवेश की पिटाई, आदिवासियों को भड़काने का आरोप

स्वामी अग्निवेश की पिटाई, आदिवासियों को भड़काने का आरोप

बंधुआ मुक्ति मोर्चा के संस्थापक व पूर्व राज्य सभा सांसद स्वामी अग्निवेश की मंगलवार को झारखंड के पाकुड़ के मुस्कान पैलेस होटल के सामने भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जमकर पिटाई की। कार्यकर्ता पाकिस्तान व ईसाई मिशनरी के दलाल स्वामी गो बैक के नारे लगा रहे थे। स्वामी अग्निवेश लिट्टीपाड़ा में पहाड़िया हिल एसेंबली के दामिन दिवस समारोह में भाग लेने आए थे। इस बीच, सीएम रघुवर दास ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, अग्निवेश ने घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराने का मांग की है।
दोपहर करीब एक बजे स्वामी अग्निवेश समर्थकों के साथ दामिन दिवस समारोह में शामिल होने के लिए जब होटल से बाहर निकले तो पहले से काला झंडा दिखाने को तैयार करीब दो दर्जन भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता अचानक उत्तेजित हो गए। उनकी ओर काले झंडे लहराते हुए बढ़े। अचानक कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला बोल दिया। उनको खींचकर जमीन पर गिरा दिया। इसके बाद लाठी, डंडा, जूता चप्पल जो मिला उसका प्रयोग किया। इन लोगों की भरदम पिटाई से स्वामी अग्निवेश के समर्थक भी भौचक थे। बाद में कुछ समर्थकों ने किसी प्रकार अग्निवेश को वहां निकाला। उन्हें होटल के अंदर ले गए, जहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डॉ. समरूल ने उनका इलाज किया।

बंधुआ मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सह पूर्व सांसद स्वामी अग्निवेश को भाजयुमो कार्यकर्ताओं से बचाकर ले जाते समर्थक।
भाजयुमो कार्यकर्ताओं का कहना है कि स्वामी अग्निवेश यहां के भोले-भाले आदिवासियों को भड़काने आए हैं। ये पाकिस्तान व ईसाई मिशनरियों के इशारे पर काम कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने जो करेगा गीता का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान, भारत माता की जय के नारे लगाए। इधर, मोर्चा के दो दर्जन कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश के खिलाफ नारेबाजी करते हुए होटल के सामने मुख्य सड़क पर ही बैठ गए। इससे काफी देर तक यातायात बाधित रहा।
सूचना मिलने पर एसडीपीओ अशोक कुमार सिंह व नगर थाना प्रभारी सह पुलिस निरीक्षक एसएस तिवारी पुलिस बल के साथ पहुंचे। उत्तेजित कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास किया। जब कार्यकर्ता नहीं माने तो पुलिस युवा मोर्चा के सभी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर थाना ले गई। होटल पहुंचकर पाकुड़ एसपी शैलेंद्र प्रसाद वर्णवाल ने स्वामी से घटना की जानकारी ली है। कहा कि पिटाई प्रकरण के हर बिंदु पर पुलिस जांच कर रही है इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
स्वामी अग्निवेश ने की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग
हिल एसेंबली पहाड़िया महासभा के आमंत्रण पर दामिन दिवस समारोह में शामिल होने पाकुड़ पहुंचे स्वामी अग्निवेश ने पिटाई मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने एसपी, डीसी और झारखंड के मुख्य सचिव को फोन कर मांग की कि सीसीटीवी फुटेज व अन्य स्रोतों से जांच कर उचित कार्रवाई करें। स्वामी अग्निवेश ने कहा कि शासन के लोगों ने एक साजिश के तहत उन पर जानलेवा हमला कराया है। कार्यक्रम के आयोजक द्वारा प्रशासन को सूचना दी गई थी, लेकिन उनकी सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया गया था।
जानिए, किसने क्या कहा
इधर, भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष प्रसन्ना मिश्रा ने कहा कि कार्यकर्ता शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। स्वामी के समर्थकों ने एक साजिश के तहत अपने लोगों से ही स्वामी अग्निवेश को पिटवाया है।
इस बीच, पाकुड़ में स्वामी अग्निवेश के साथ हुई मारपीट की जांच होगी। सीएम रघुवर दास ने गृह सचिव को जांच के आदेश दिए हैं। संथालपरगना के आयुक्त और डीआईजी मामले की जांच करेंगे।
वहीं, भाजयुमो ने कहा है कि जिन लोगों ने अग्निवेश की पिटाई की है, वह हमारी पार्टी के नहीं हैं।
जब स्वामी अग्निवेश को संत ने मारा थप्पड़
गौरतलब है कि इससे पहले मई, 2011 में गुजरात के अहमदाबाद में एक जनसभा के दौरान स्वामी अग्निवेश के साथ एक संत ने अभद्रता की। जनसभा के दौरान संत ने स्वामी अग्निवेश को थप्पड़ मारा। संत की पहचान महंत नित्यानंद दास के रूप में हुई थी। अमरनाथ में शिवलिंग के बारे में अग्निवेश द्वारा हाल ही में दिए गए बयान से संत नाराज था। उसे बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था।

अग्निवेश से इसलिए नाराज था संत
संत अमरनाथ शिवलिंग के बारे में अग्निवेश द्वारा दिए गए बयान से नाराज था। अग्निवेश ने कहा था कि अमरनाथ शिवलिंग का निर्माण कृत्रिम बर्फ से किया गया है। इसके बाद संत ने अग्निवेश पर जूता चलाने वाले को 51,000 रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की थी। नित्यानंद नादिआद के पास एक मंदिर में महंत है। अग्निवेश सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के साथ एक जनसभा में भाग लेने के लिए यहां आए थे। इस सभा में नित्यानंद भी पहुंचा था।

अग्निवेश जैसे ही लोगों से मिलने के लिए आगे बढ़े महंत ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया। इस दौरान अग्निवेश की पगड़ी भी नीचे गिर गई। नित्यानंद ने बाद में पत्रकारों को बताया कि वह अन्ना हजारे के अभियान का समर्थन करता है लेकिन वह अमरनाथ शिवलिंग के खिलाफ दिए गए अग्निवेश के बयान से नाराज है।
भोपाल में नवंबर, 2012 में इसी मामले में विहिप के कार्यकर्ताओं ने उनके साथ धक्कामुक्की की थी।
जब सुप्रीम कोर्ट ने की अग्निवेश की खिंचाई
इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वामी की खिंचाई की थी। अग्निवेश को सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि वह लोगों की भावनाओं को हल्के में न लें। पीठ ने कहा, ‘आप लोगों की भावनाओं को हल्के में नहीं ले सकते।’ पीठ ने कहा कि हर साल बड़ी संख्या में लोग जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा पर जाते हैं।
गौरतलब है कि अग्निवेश ने कथित रूप से अमरनाथ यात्रा को ‘धार्मिक पाखंड” कहा था और पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने अपने खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की अग्निवेश की याचिका खारिज कर दी थी। मई में जम्मू के दौरे में अग्निवेश ने कहा कि उन्हें यह समझ नहीं आता कि लोग ऐसी यात्राओं पर क्यों जाते हैं और उन्होंने अमरनाथ गुफा में बनने वाले ‘शिवलिंग’ को ”भौगोलिक घटना” बताया था। अग्निवेश ने अदालत के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
स्वामी अग्निवेश के विवादित बोल
अक्सर विवादों में रहने वाले स्वामी अग्निवेश का कहना है कि मांस और शराब का सेवन करने की वजह से दुष्कर्म जैसी घटनाएं होती हैं, यदि इन्हें त्याग दिया जाए तो दुष्कर्म के मामले अपने आप कम हो जाएंगे।
उनका मानना है कि दुष्कर्म की घटनाओं को सिर्फ कानून बना देने से कम नहीं किया जा सकता है। इससे यह यह अपराध कम होने वाला नहीं है। अग्निवेश का कहना है कि सभी प्रकार की हिंसा के लिए कहीं न कहीं शराब और मांस का सेवन ही जिम्मेदार है जिसकी तसदीक यूएन की रिपोर्ट भी करती है। अग्निवेश ने कहा कि कई अपराध और दुर्घटनाओं की जड़ में शराब होती है।
अपनी बातों को सही साबित करने के लिए उन्होंने सोलह दिसंबर में दिल्ली में चलती बस में हुए सामूहिक दुष्कर्म और पांच साल की बच्ची से हुए दुष्कर्म का भी उदाहरण दिया है। इन दोनों मामलों में आरोपियों ने शराब पी रखी थी। उनका कहना है कि शराब इंसान को अपराध करने के लिए उकसाने में कामयाब साबित होती है और वह व्यक्ति की नैतिकता को खत्म कर देती है। स्वामी अग्निवेश ने कहा कि लोगों के अंदर मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन करने की आदत बढ़ रही है, जिसे तत्काल रोका जाना जरूरी है।

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